राजस्थान सामान्य ज्ञान : धार्मिक आन्दोलन

बौद्ध संगीति

प्रथम बौद्ध संगीति

समय  483 ई.पू.
स्थान सप्तपर्णि गुफा (राजगृह)
शासनकालअजातशत्रु
अध्यक्षमहाकस्सप
कार्यबुद्ध के उपदेशों को सुत्तपिटक तथा विनयपिटक में अलग – अलग संकलन किया गया।

द्वितीय बौद्ध संगीति

समय383 ई.पू.
स्थानवैशाली
शासनकालकालाशोक
अध्यक्षसब्बाकामी (साबकमीर)
कार्यभिक्षुओं में मतभेद के कारण स्थाविर एवं महासंघिक में विभाजन

तृतीय बौद्ध संगीति

समय251 ई.पू.
स्थानपाटलिपुत्र
शासनकालअशोक
अध्यक्षमोग्गलिपुत तिस्स
कार्यअभिधम्मपिटक का संकलन

चतुर्थ बौद्ध संगीति

समयप्रथम शताब्दी ई.
स्थानकुंडलवन (कश्मीर)
शासनकालकनिष्क
अध्यक्षवसुमित्र (अश्वघोष उपाध्यक्ष)
कार्य‘विभाषाशात्र’ टीका का संस्कृत में संकलन।

बौद्ध संघ का हीनयान एवं महायान सम्प्रदायों में विभाजन

बौद्ध धर्म के पतन के कारण :

  • बौद्ध धर्म के पतन के कारण में ब्राह्मण धर्म की बुराइयों को ग्रहण करना, पालि छोड़ संस्कृत भाषा अपनाना, बौद्ध विहार को विलासिता तथा दुराचार का केन्द्र बनाना, विहारों में एकत्रित धन मुख्य रूप से सम्मिलित थे।

जैन धर्म

  • जैन धर्म के संस्थापक ऋषभदेव थे जिन्हें पहले तीर्थकर के रूप में जाना जाता है।
  • जैन परम्परा में 24 तीर्थंकरों के नाम दिये गये हैं जिनमें पार्श्वनाथ तथा महावीर के अतिरिक्त सभी की ऐतिहासिकता संदिग्ध है।
  • पार्श्वनाथ जैन धर्म के तेइसवें तीर्थंकर थे। ये काशी नरेश अश्वसेन के पुत्र थे।
  • पार्श्वनाथ ने चार महाव्रत अहिंसा, सत्य, अस्तेय तथा अपरिग्रह का प्रतिपादन किया था।

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