Rajasthan GK || Indian Polity and Economy || पंचवर्षीय योजना

  • बाहरवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) – उद्देश्य – तीव्र, सतत् और समावेशी विकास सतत् विकास से तात्पर्य – जल, जंगल तथा जमीन का न्यायपूर्ण वितरण।
  • आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य = 8% रखा गया। इस लक्ष्य को दो बार संशोधित किया गया पहले 9% फिर 8.2% बाद में 8%.       
  • इस योजना में कुल बजट -लगभग 80 लाख करोड रूपये। पिछली योजना के दुगुने से भी अधिक (7669807 करोड़)
  • सर्वाधिक बजट पंचवर्षीय योजना में ऊर्जा पर खर्च किया जायेगा व दूसरा स्थान सामाजिक व सामुदायिक सेवाओं पर।
  • गरीबी को 10% कम करने का लक्ष्य रखा गया है (प्रतिवर्ष 2%)
  • इस समय 1 जनवरी, 2013 को U P A सरकार ने नकद सब्सिडी योजना (DBI Direct Benifit Tranfar) प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण योजना शुरू की, जिसे पहले चरण में 20 जिलों में लागू किया गया, जिसमें राजस्थान के तीन जिले – अजमेर, अलवर व उदयपुर शामिल। नारा आपका पैसा आपके हाथ
  • उद्देश्य – बिचोलियों की भूमिका को कम करना ताकि सही लाभार्थी को लाभ मिल सके। इसी के तहत रसोई गैस में Direct सब्सिडी देने के लिए NDA (राजग) ने 1 जनवरी, 2015 को पहल योजनाशुरू की।
    • गैर कृषि क्षेत्र में 5 करोड़ नये रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य रखा गया।
    • भारत के सभी गाँवों को 12 मासी सड़कों तथा बिजली से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
    • दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विधुतीकरण योजना – पहले राजीव गांधी के नाम पर थी।
    • वित्तीय समावेशन के तहत योजना के अंत तक (2017) भारत के 90% परिवारों को बैंकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
    • सकल (कुल) सिचिंत क्षेत्र को 90 मिलियन हैक्टेयर से बढाकर 103 मिलियन हैक्टेयर करने का लक्ष्य।
    • दुनिया में सबसे ज्यादा बचत करने वाला देश भारत है।
    • बचत दर को GDP का 33.6% लाने का लक्ष्य रखा गया तथा निवेश दर को भी बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा।

    मानव विकास –

    (i) शिशु मृत्यु दर (IMR) – 25/1000 पर

    (ii) मातृत्व मृत्यु दर (MMR) – 1/1000 पर

    (iii) कुल प्रजनन दर (TFR) – 2.1%

    (iv) बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष आयु) – 950 करने का लक्ष्य (अभी 919)

    • औसत स्कूल वर्ष को 7 year करने का लक्ष्य रखा (4.4 वर्ष अभी)

    15 वर्षीय इण्डिया विजन के तहत् तीन वर्ष के लिए कार्य योजना नीति आयोग ने जारी की

    • भारत की 12वीं पंचवर्षीय योजना 31 मार्च, 2017 को पूरी होने के साथ ही देश में पंचवर्षीय योजनाओं की व्यवस्था समाप्त हो गई है। इसके स्थान पर 15 वर्षीय दृष्टिकोण, सात वर्षीय रणनीति व तीन वर्षीय कार्य योजना (Fifteen Year Vision, Seven Year Strategy and Three Year Action Plan) नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा तैयार किया जा रहा है। 15 वर्षीय दृष्टिकोण (Vision) 2031-32 में ऐसे भारत की कल्पना की गई है, जिसमें पूरी तरह शिक्षित समाज हो तथा सभी को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो, जिसमें देश के सभी नागरिकों के पास शौचालय युक्त घर, दुपहिया या चार पहिया वाहन, बिजली, एसी तथा डिजिटल कनेक्टिविटी हो। नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की 23 अपैल, 2017 की (तीसरी) बैठक में इण्डिया विजन (India Vision) 2031-32 की जो झलक प्रस्तुत की गई, उसमें बताया गया है कि देश में सकल घरेलू उत्पाद (GDP), जो 2015-16 में 137लाख करोड़ रू. था बढ़कर 2031-32 में 469 लाख करोड़ रू. तथा प्रति व्यक्ति आय, जो 2015-16 में 1.06 लाख रू. थी, 2031-32 में 3.14 लाख हो जाएगी। केन्द्र एवं राज्य सरकारों का कुल व्यय, जो 2015-16 में 38 लाख करोड़ रू. था, बढ़कर 2031-32 में 130 लाख करोड़ रू. हो जाने का अनुमान विजन 2031-32 में लगाया गया है। 15 वर्षीय दृष्टिकोण (Vision) 7 वर्षीय रणनीति (Strategy) को नीति आयोग द्वारा अन्तिम रूप अभी दिया जा रहा है। इसके तहत् तीन वर्षीय कार्य योजना (Action Agenda) का मसौदा नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की 23 अपैल, 2017 की बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पानगढ़िया ने जारी किया। दो मुख्यमंत्रियों को छोड़कर शेष सभी मुख्यमंत्री गवर्निंग काउन्सिल की इस तीसरी बैठक में उपस्थित थे।
    • 2017-18 से 2019-20, जो कि 14वें वित्त आयोग के अन्तिम वर्ष हैं, के लिए जारी एक्शन एजेण्डे के मसौदे को केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, वैज्ञानिकों, अर्थशास्त्रियों स्वयंसेवी संगठनों व उद्योग जगत् के अतिरिक्त चिकित्सा, शिक्षा, परिवहन व संस्कृति आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के पश्चात् तैयार किया गया है। इसमें निम्नलिखित प्रस्ताव मुख्यतः शामिल किए गए हैं-
    • राजकोषीय घाटा को घटाते हुए वर्ष 2019-20 तक इसे जीडीपी के 3.0 प्रतिशत तक लाना तथा राजस्व घाटे (Revenue Deficit) को घटाते हुए जीडीपी के 0.9 प्रतिशत तक लाना।
    • किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के उद्देश्य से उनकी उपज का समुचित मूल्य उन्हें दिलाना तथा सिंचाई आदि की सुविधाओं का विस्तार कर अधिक मूल्य वाली उपजों, पशुपालन व मत्स्यिकी आदि को बढ़ावा देना
    • उद्योगों व निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए निर्यात प्रधान उद्योगों को बढ़ाना देना तथा कोस्टल एम्प्लॉयमेंट जोनसृजित करना।
    • आवास-विस्तार हेतु जमीनों के मूल्य में कमी लाना, भूमि के उपयोग परिवर्तन नियमों को उदार करना तथा रूग्ण इकाइयों के पास उपलब्ध भूमि को मुक्त करना।
    • निजी भूमि पर पेड़ काटने की नीति की समीक्षा करना।
    • सड़क, रेल, नौवहन व वायु परिवहन तंत्र को मजबूत बनाना।
    • ऊर्जा क्षेत्र की सुदृढ़ता के लिए कोयला क्षेत्र में नियामक की नियुक्ति कर इस क्षेत्र में सुधार लाना तथा विद्युत के मामले में क्रॉस सब्सिडी को समाप्त करना।
    • घाटे में चल रहे केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बन्द करना तथा सरकार की 20 कम्पनियों में रणनीतिक अनिवेश (Strategic Disinvestment) करना।
    • सभी के लिए 2022 तक विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित करना, सभी बीपीएल परिवारों के लिए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध करना तथा 2022 तक ब्लैक कार्बन की समाप्ति।
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए उपाय करना तथा इस मामले में प्राथमिकताएँ निर्धारित करने तथा राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार हेतु नेशनल साइंस टेक्नोलॉजी एण्ड इन्नोवेशन फाउण्डेशनका गठन करना।
    • व्यापक कर सुधारों के जरिए कर आधार में वृद्धि, करवंचना पर अंकुश व कर प्रणाली का सरलीकरण करना।
    • बेहतर मानव संसाधन प्रबन्धन व ई-गवर्ऩेंस के जरिए नागरिक सेवाओं को सुदृढ़ करना।
    • जन स्वास्थ्य सुविधाओं में मजबूती लाने के लिए विभिन्न कदम उठाना।
    • महिलाओं, बच्चों, युवा वर्ग, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग़ों, दिव्यांगों व वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण स्तर में वृद्धि लाना तथा समाज में महिलाओं की स्थिति के आकलन हेतु लिंग आधारित सूचकांक (Gender Based Index) सृजित करना।
    • उच्च विकास को बढ़ावा देने के लिए सस्टेनेबल व्यवहारों को अपनाना। जल संसाधनों के सस्टेनेबल उपयोग को बढ़ावा देना।
    • राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू करना तथा एक व्यापक पोषक सूचना तंत्र (Comprehensive Nutrition Information System) विकसित करना।

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