Rajasthan GK || Indian Polity and Economy || पंचवर्षीय योजना

पंचवर्षीय योजना – लक्ष्य, रणनीति एवं उपलब्धियाँ

आर्थिक नियोजन

आर्थिक नियोजन समवर्ती सूची का विषय है (केन्द्र तथा राज्य दोनों कानून बना सकते है)

  • भारत में आर्थिक नियोजन का कार्य नीति आयोग, वित्त आयोग तथा सरकार के द्वारा किया जाता है।
  • राजस्थान में आर्थिक नियोजन का कार्य राजस्थान नियोजन बोर्ड (आयोजन बोर्ड) द्वारा किया जाता है, जिसके पदेन अध्यक्ष-मुख्यमंत्री होता है।
  • आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया नियोजन (Planning) आर्थिक नियोजन कहलाता है।
  • गांधीजी के आर्थिक विचार बिन्दु –
  1. न्यासधारिता का सिद्धान्तगांधीजी पूँजीवाद तथा मार्क्सवाद के बीच बुद्ध के मध्यम मार्ग को अपनाते है। उनके अनुसार समाज/राष्ट्र में उत्पादन के लिए पूंजीपतियों का होना अनिवार्य है पूजीपति को अपनी पूंजी के उतने भाग का उपयोग करना चाहिए जितनी उसे आवश्यकता है। शेष पूंजी का ट्रस्टी (संरक्षक) बनकर उसे गरीबों के भौतिक उत्पादन के लिए प्रयोग करना चाहिए, इससे अमीर का नैतिक उत्थान तथा गरीब का आर्थिक उत्थान अर्थात सर्वोदय होगा।
  2. स्वदेशी उत्पादों पर बल 
  3. विकेन्द्रीकरण पर बल –सत्ता का हस्तान्तरण (अनुच्छेद 40 पंचायतीराज का सशक्तिकरण)
  4. आर्थिक व सामाजिक लोकतंत्र की स्थापना (अनुच्छेद 39)
  5. कुटीर उद्योगों को बढ़ावा (अनुच्छेद 43)

योजना आयोग-

  • K.C. नियोगी दल की सिफारिश पर 15 मार्च 1950 को मंत्रिपरिषद के प्रस्ताव के आधार पर योजना आयोग का गठन किया गया।
  • जिसका पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता था।  प्रथम उपाध्यक्ष गुलजारी लाल नन्दा।
  • मुख्य कार्य – केन्द्र स्तर पर आर्थिक नियोजन करना। समावेशी विकास के लिए पंचवर्षीय योजनाओं का प्रारूप बनाना।

राष्ट्रीय विकास परिषद (National Development Couneil – NDC)-

  • राज्यों की भूमिका को नियोजन में बढ़ावा देने के लिए 6 अगस्त 1952 को राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया गया।

मुख्य उद्देश्य – पंचवर्षीय योजनाओं को अन्तिम प्रारूप देना। जिसका पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।

  • योजना आयोग तथा राष्ट्रीय विकास परिषद संविधानोत्तर निकाय है। (संविधान के आदर्श पर आधारित, संविधान के अनुच्छेदों में इनका उल्लेख नहीं है। संविधानिक निकाय नहीं है। सलाहकारी निकाय)।
  • राष्ट्रीय विकास परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रमुख भी सदस्य होते हैं।
  • संथानम समिति ने राष्ट्रीय विकास परिषद को Superb cabinet कहा।
  • राष्ट्रीय विकास परिषद का उद्देश्य – राज्यों की भागीदारी व संघ को मजबूती प्रदान करना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन दोनों संगठनों की आलोचना करते हुए कहा कि यह दोनों संगठन लक्ष्यों प्राप्त करने में असफल रहे।

नीति आयोग – National institution for Transforming India पूरा नाम – (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान)

  • 15 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री ने योजना आयोग को समाप्त करके एक नया आयोग बनाने की इच्छा जाहिर की इसलिए 1 जनवरी, 2015 को मंत्रीपरिषद के प्रस्ताव के आधार पर नीति आयोग का गठन किया गया।

तीन मुख्य उद्देश्य-

  • सहकारी संघवाद – केन्द्र राज्यों के लिए, केन्द्र के लिए केन्द्र व राज्यों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना।
  • Bottom to top नीति निर्माण – विकेन्द्रीकरण (सत्ता का हस्तान्तरण) निम्न से उच्च।
  • Think Tank – सामूहिक विचारों द्वारा योजना क्रियान्वयन (सामूहिक विचारों द्वारा योजनाओं का निर्माण तथा श्रेष्ठ योजना को लागू करने के लिए अध्यक्ष की सहमति प्राप्त करना।

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