- 14 वें वित्त आयोग ने सुझाव दिया है कि राज्यों की विशिष्ट और गैर विशिष्ट श्रेणी वाले भेदभाव को समाप्त कर दिया जाये।
- 73वें व 74 वें संविधान के माध्यम से पंचायत व नगरपालिकाओं के लिए गठित राज्य वित्त आयोग को अनुदानों के बारे में सुझाव/सलाह देना।
- राज्य वित्त आयोग – अनुच्छेद 243(i) पंचायतों के लिए राज्य वित्त आयोग अनुच्छेद 243(4) नगरपालिकाओं के लिए राज्य वित्त आयोग।
- राजस्थान में पहला वित्त अयोग 1994 में बना, जिसमें अध्यक्ष – KK गोयल।
- 2015 में मुख्यमंत्री वसुधराराजे ने 5 वे वित्त आयोग का गठन किया। जिसकी अध्यक्ष ज्योति किरण। 2015-2020 के लिए सिफारिशे लागू। राज्य वित्त आयोग कार्यकाल – 5 वर्ष
- राज्य वित्त आयोग का गठन – राज्यपाल द्वारा।
- राजस्थान के 4 थे वित्त आयोग के अध्यक्ष – बी.डी. कल्ला थे 14 वे वित्त आयोग की रिपोर्ट सिफारिशें –
- केन्द्रीय करो में राज्यों का हिस्सा बढ़ाकर 2015-16 में 32% से 42% किया।
- 2015 – 16 में 5.26 लाख करोड़ रूपये/ राजस्व राज्यों को वितरित किया जाये (आवटिंत) सर्वाधिक हिस्सेदारी – UP (70%), (राजस्थान – 5.5%)
2014-15 में राज्यों को 3.48 करोड़ राजस्व आवंटित किया गया 5.26 – 3.48 = 1.78 लाख करोड़ रूपये ज्यादा मिले।
- राज्यों को GST (वस्तु एवं सेवा कर) से होने वाले नुकसान में लगातार 5 साल तक भरपाई की जायेगी।
3 साल तक = 100%
4 साल तक = 75%
5 साल तक = 50%
- FRBM Act 2003 (नए राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबन्धन अधिनियम) के लक्ष्यों को (राजस्व धारा GDP का 0% व राजकोषीय घाटा GDP = 3%) 2016 – 17 तक राजकोषीय घाटे को GDP का 3.6% लाना है क्योंकि राज्यों को ज्यादा अनुदान देने से केन्द्र सरकार का घाटा अधिक हो गया।
- राजकोषीय घाटे को 2017-18 तक पूरा करना है।
- राजस्थान का राजकोषीय घाटा – 2.99%
- विशिष्ट श्रेणी व गैर विशिष्ट श्रेणी राज्यों के भेदभाव को समाप्त कर दिया जाये।
- Sector Specific Grants (विशेष क्षेत्र में अनुदानों को) केन्द्र से दूरी बनानी चाहिए।
- राष्ट्रपति द्वारा दिया गया कोई कार्य जिसमें वित्तीय सलाह देना, वित आयोग का कार्य
BIMARU – अशिक्षा, बाल लिंगानुपात कम होना, अर्थ का कमजोर होना, गरीबी बेरोजगारी, जल व ऊर्जा की कमी, गांवों की कमजोर स्थिति आदि कारण है।
पंचवर्षीय योजना
- भारत ने सोवियत संघ मॉडल को ध्यान में रखते हुए 1 अप्रेल 1951 से आर्थिक और सामाजिक नियोजन के लिए 5 वर्ष की योजनाएं बनानी शुरू की। जिसे पंचवर्षीय योजना कहते है। अब तक भारत में 12 पंचवर्षीय योजनाएं व 6 वार्षिक योजनाए लागू हुई।
- पंचवर्षीय योजनाओ का जनक भारत में पंडित जवाहरलाल नेहरू को कहते हैं।