Rajasthan GK || Indian Polity and Economy || पंचवर्षीय योजना

राजस्थान के विकास में मुख्य बाधाएं –

  1. भूमिगत जल स्तर (भारत का 1.6) 
  2. जनसंख्या को नियन्त्रित करना।
  3. बुनियादी ढांचा कमजोर होना (Speeially विर्निर्माग क्षेत्र)
  4. अरावली का मानसून पवनों के समानान्तर होगा।
  5. विनिर्माण क्षेत्र का कमजोर होना।
  • राजस्थान में अब तक 6 वार्षिक योजनाए लागू हुई। 1966 – 69, (1979-80), (1990-92)
  • राजस्थान की 12वीं योजना, वार्षिक योजना तथा बजट में विकास के लिए PPP मॉडल पर अधिक बल दिया गया।
  • जैसे – केन्द्र में योजना आयोग को समाप्त कर के नीति आयोग का गठन किया वैसे ही राजस्थान में 29 मई, 2014 राज्य नियोजन बोर्ड के स्थान पर राज्य सलाहकार परिषद का गठन किया गया। इसकी पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है। प्रथम उपाध्यक्ष अरविन्द पनगडिया को बनाया गया।

राजस्थान की वार्षिक योजना-2015-16 –

  • वार्षिक योजना का कुल बजट – 71,405 करोड रूपये जबकि 2014-15 में – 69, 820 करोड़ रूपये।
  • 2013-14 में 40,040 करोड़ रूपये।
  • वार्षिक योजनाओं का अधिकतम खर्च 1 वर्ष
  • सामाजिक व सामुदायिक सेवाओं पर = 40.6%
  • ऊर्जा/विद्युत पर = 23.3% (16665 करोड रू.)
  • ग्रामीण विकास = 15.4% (11051 करोड़ रू.)
  • परिवहन = 8%

2016-17 में

  • सामाजिक व सामुदायिक सेवाओं पर = 38.22%
  • विद्युत/ऊर्जा पर = 31.64% (31,540 करोड)
  • ग्रामीण विकास = 12.33% (12292 करोड़ रू.)
  • यातायात = 6.35%

राज. का क्षेत्रवाद GDSP योगदान-

  • वैश्वीकरण – देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना ही वैश्वीकरण कहलाता है।

राजस्थान की 12वीं पंचवर्षीय योजना

  • इसका मुख्य उद्देश्य – तीव्र, सतत और समावेशी विकास समावेशी विकास से तात्पर्य विकास के उस स्वरूप से है जिससे अमीर व गरीब का भेद कम हो, ग्रामीण व शहरी क्षैत्र मे अंतर कम हो व क्षैत्रीय भिन्नताओं में कमी लाए।

लक्ष्य –

  • वृद्धि दर 7.7%
  • कृषि क्षैत्र 3.5%
  • उद्योग क्षैत्र 8.0%
  • सेवा क्षैत्र 9.5%
  • शिशु मृत्यु दर में कमी करते हुए 40 प्रति हजार जीवित जन्म तक लाना।
  • मातृ मृत्यु दर कमी करते हुए 200 प्रति लाख तक लाना।
  • कुल प्रजनन दर को 2.9 तक लाना।

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