राजस्थान सामान्य ज्ञान : दिल्ली सल्तनत

बहमनी :

  • स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल में हुई।
  • विद्रोही अमीरों ने इस्माइल मुख को अपना सुल्तान चुना जिसने अलाउद्दीन हसन बहमन शाह की उपाधी धारण की तथा गुलबर्गा (कर्नाटक) को अपनी राजधानी बनाया।
  • मुहम्मदशाह I के शासनकाल में वारंगल तथा विजयनगर के शासकों के साथ युद्ध हुआ।
  • मुहम्मदशाह II शांतिप्रिय तथा विद्या प्रेमी शासक था। उसके शासनकाल में अनेक मस्जिदों, अनाथालयों, निःशुल्क पाठशालाओं का निर्माण करवाया गया।
  • ताजुद्दीन फिरोज एक पराक्रमी शासक था। उसने विजयनगर राज्य को दो बार पराजित किया लेकिन तीसरी बार पराजित हो गया।
  • शिहाबुद्दीन अहमद I (1422-1436) ने गुलबर्गा के स्थान पर बीदर को अपनी राजधानी बनाया।
  • बीदर का नया नाम मुस्तफाबाद रखा गया।
  • शिहाबुद्दीन अहमद I संत अहमद के नाम से भी जाना जाता है।
  • अलाउद्दीन अहमद II का गुजरात, खानदेश तथा विजयनगर के साथ संघर्ष हुआ।
  • अलाउद्दीन हुमायूं (1458-61) को उसकी निष्ठुरता के लिए ‘जालिम’ कहा जाता है।
  • निजामशाह के शासनकाल में राजमाता मखदूम जहां ने ख्वाजा जहां तथा ख्वाजा महमूद गावां के सहयोग से शासन का संचालन किया।
  • शम्सुद्दीन मुहम्मद III (1463-1482) के शासनकाल में महमूद गावां का प्रभावशाली रूप से उदय हुआ।
  • महमूद गावां को ख्वाजा जहां की उपाधि देकर राज्य का प्रधानमंत्री बनाया गया।
  • बहमनी राज्य का सर्वाधाक विस्तार महमूद गावां के समय में हुआ।
  • महमूद गावां के समय में ही गोवा पर बहमनी का अधाकार हुआ।
  • 1482 में गावां के विरोधी सरदारों ने मुहम्मद III को उसके खिलाफ भड़काकर गावां की हत्या करवा दी।
  • महमूदशाह के समय में बहमनी राज्य का पतन हुआ।
  • कलीमुल्लाह बहमनी राज्य का अंतिम शासक था।
  • रूसी यात्री अल्थेनसियस निकितिन ने मुहम्मद III के शासनकाल में 1470-1474 के बीच बहमनी राज्य का भमण किया था।
  • बहमनी राज्य के पतन के बाद दक्कन में पांच स्वतंत्र राज्यों का उदय हुआ – बीदर, बरार, बीजापुर, अहमदनगर तथा गोलकुंडा।

बीदर :

  • बीदर को दक्षिण की लोमड़ी कहा जाता है। बीदर के बरीदशाही वंश का संस्थापक कासिम बरीद था।
  • अली बरीदशाह ने विजयनगर के विरूद्ध युद्ध में मित्र राज्यों की सेना को मदद दी।
  • बीजापुर के आदिलशाही सुल्तान ने इब्राहिम बरीदशाह के शासनकाल में बीदर को अपने राज्य में मिला लिया।

बरार :

  • बरार के इमादशाही वंश का संस्थापक फतेह उल्लाह इमादशाह ने की थी।
  • बरार बहमनी राज्य से स्वतंत्र होने वाला प्रथम राज्य था।
  • इसकी दो राजधानियां थी-एलिचपुर और गाविलगढ़।
  • 1574 में अहमदनगर ने बरार को अपने राज्य में मिला लिया।

अहमदनगर :

  • अहमदनगर के निजामशाही राजवंश का संस्थापक अहमदशाह निजाम-उल-मुल्क था।
  • उसने अहमदनगर की स्थापना की तथा राजधानी जुन्नैर से वहां स्थानान्तरित की।
  • बुरहान निजाम शाह ने बीजापुर, बीदर, बरार तथा विजयनगर के साथ आरम्भ में मित्रता की तथा बाद में शत्रुता।
  • हुसैन निजामशाह के शासनकाल में बीजापुर के अली आदिलशाह, गोलकुंडा के इब्राहीम कुतुबुशाह और विजयनगर के राम राय की संयुक्त सेनाओं ने 1562 में अहमदनगर पर आक्रमण कर दिया।
  • शाहजहां के शासनकाल में 1633 में अहमदनगर को मुगल साम्राज्य में शामिल कर लिया गया साथ ही मुर्तजा निजाम शाह को बंदी बना लिया। कुछ प्रदेश बीजापुर को भी दे दिया गया।

बीजापुर :

  • बीजापुर के आदिलशाही राजवंश का संस्थापक यूसुफ आदिल खां था।
  • इस्माइल के शासनकाल में गोआ पर पुर्तगालियों ने अधिकार कर लिया।
  • इब्राहिम के शासनकाल में फारसी के स्थान पर हिन्दवी को राजकाज की भाषा बनाया गया और हिन्दुओं के अनेक पदों पर नियुक्त किया गया।
  • अली आदिल शाह (1558-1580) के शासनकाल में शोलापुर पर अधिकार को लेकर अहमदनगर और बीजापुर के मध्य संघर्ष हुआ।
  • अली आदिल शाह ने हुसैन निजामशाह की पुत्री चांद बीबी के साथ विवाह करके अहमदनगर के साथ समझौता कर लिया।
  • इस समझौते के परिणामस्वरूप दक्कनी मुस्लिम राज्यों ने विजयनगर के विरूद्ध एक संयुक्त सैनिक मोर्चे का गठन किया, जिसने 1565 में विजयनगर को बुरी तरह पराजित किया।
  • इब्राहिम II विद्या का संरक्षक था। इब्राहिम को ’अबला बाबा’ व जगतगुरु की उपाधी दी गई।
  • इस काल में सुल्तान की चाची चांद बीबी बीजापुर की वास्तविक शासिका रही।
  • मुहम्मद आदिल शाह गोल गुम्बद के नाम से विश्व प्रसिद्ध मकबरे में दफन है।
  • अली आदिल शाह II (1627-1672) के शासनकाल में शाहजहां ने औरंगजेब को सैनिक कार्यवाही करने का आदेश दिया।
  • आदिलशाही वंश का अंतिम सुल्तान सिकन्दर आदिल शाह था।
  • सिकन्दर आदिल शाह के शासनकाल में 1674 में शिवाजी ने रायगढ़ में छत्रपति के रूप में अपना राज्याभिषेक किया।
  • 1686 ई. में औरंगजेब ने बीजापुर को मुगल साम्राज्य में मिला लिया।

गोलकुंडा :

  • स्वतंत्र गोलकुंडा राज्य का संस्थापक कुली कुतुबशाह था।
  • इब्राहिम कुतुबशाह महान कूटनीतिज्ञ था।
  • मुहम्मद कुलीशाह हैदराबाद नगर का संस्थापक तथा दक्कनी उर्दू में लिखित प्रथम काव्यसंग्रह या दीवान का लेखक था।
  • मुहम्मद कुलीशाह ने उर्दू तथा तेलुगू को संरक्षण दिया।
  • अब्दुल्ला के शासनकाल में गोलकुंडा का प्रसिद्ध अमीर मीर जुमला द्वारा मुगलों के साथ मिल जाने के कारण मुगलों ने हैदराबाद पर 1656 में अधिकार कर लिया।
  • अंतिम कुतुबशाही सुल्तान अबुल हसन कुतुबशाह था।
  • 1687 में मुगलों ने गोलकुंडा को अपने साम्राज्य में मिला लिया।
  • गोलकुंडा हीरों का विश्व प्रसिद्ध बाजार था।
  • मसूलीपट्टनम कुतुबुशाही साम्राज्य का विश्व प्रसिद्ध बंदरगाह था।
  • डच तथा अंग्रेज दोनों व्यापार के लिए पहली बार यहीं आये।
  • यहाँ उत्पादित वस्त्रों का विश्व में निर्यात होता था।
  • मुहम्मद कुली द्वारा हैदराबाद में निर्मित चारमीनार विश्व प्रसिद्ध है।

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