राजस्थान सामान्य ज्ञान : पर्यटन एवं पर्यटन स्थल – 2

(11) जैसलमेर 

  • राजस्थान के थार के मरुस्थल में स्थित जैसलमेर प्राचीन कला और इतिहास की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण नगर है जिसकी स्थापना 1156 ई. में यादव वंशीय राजपूत शासक रावल जैसल सिंह ने की थी।

जैसलमेर के प्रमुख पर्यटन स्थल

(a) जैसलमेर दुर्ग (सोनारगढ़) –

  • जैसलमेर दुर्ग का निर्माण 12 वीं शताब्दी में हुअा।
  • इसका निर्माण कार्य रावल जैसल सिंह ने प्रारम्भ करवाया जिसे उनके उत्तराधिकारी शालिवाहन ने पूर्ण करवाया।
  • जैसलमेर दुर्ग पीले पत्थरों के विशाल शिलाखण्डों से निर्मित है।
  • इस पूरे दुर्ग का निर्माण पत्थर पर पत्थर जमाकर व फंसाकर किया गया है।
  • इसके सोने जैसे पीले रंग के कारण ही इसे सोनारगढ़ कहा जाता है।
  • इस दुर्ग में 99 बुर्ज हैं।
  • इस दुर्ग में विलास महल, रंगमहल, राजविलास तथा मोती महल आदि की भित्ति चित्रकारी उत्कृष्ट है।
  • यहाँ पर जैन ग्रंथों का संग्रहालय भी स्थित है।

(b) पटवों/पटुओं की हवेली 

  • पटवों की हवेली का निर्माण जैसलमेर के बड़े व्यापारी गुमानचन्द पटवा ने 1805 ई. में करवाया था। जैसलमेर के पटवा सेठाें ने इस काल में 4 हवेलियांे का निर्माण करवाया था इसलिए इन्हें पटवों/पटुओं की हवेली के नाम से जाना जाता है।
  • इन हवेलियों की खिड़कियाँ, झरोखें व मेहराब स्थापत्य कला की दृष्टि से आकर्षक व कलात्मक है।

जैसलमेर में अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल –

  • गड़ी सागर तालाब, मरु राष्ट्रीय उद्यान, अमरसर तालाब, बाघ की छतरी आदि।

(12) जाेधपुर 

  • जोधपुर नगर राठौड़ राजा राव जोधा द्वारा 1459 ई. में बसाया गया था।
  • जोधपुर को आधुनिक नगर का स्वरूप देने का श्रेय महाराजा उम्मेद सिंह को जाता है।

जोधपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल

(a) मेहरानगढ़ दुर्ग

  • जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग का निर्माण चिड़ियाटुंक पहाड़ी पर किया गया है।
  • इस किले की नींव 12 मई, 1459 ई. को राव जोधा ने डाली थी जिसे महाराजा जसवन्त सिंह (1638 ई. – 1678 ई.) ने पूर्ण करवाया था।
  • राव जोधा, महाराजा रणमल का पुत्र था।
  • इस दुर्ग में कुल सात द्वार है जिसे पोल कहा जाता है।
  • इस दुर्ग में चामुण्डा माता का मन्दिर स्थित है जो राठौड़ों की कुल देवी है।
  • इस दुर्ग में प्रमुख महल – मोती महल, फूल महल, मान महल।

(b) जसवंतथड़ा 

  • यह सफेद संगमरमर से निर्मित स्मारक है जिसे जोधपुर के महाराजा जसवन्त सिंह की स्मृति में बनाया गया।
  • इसका निर्माण 1899 ई. में जोधपुर के महाराजा सरदार सिंह द्वारा करवाया गया था।
  • यह स्थान जोधपुर के राजपरिवार के सदस्यों के लिए दाह संस्कार के लिए सुरक्षित रखा गया है।
  • इस स्मारक हेतु मकराना के सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है।
  • इसमें जोधपुर के स्वर्गीय नरेशों की आदमकद प्रतिमाएँ स्थित हैं।
  • इसे राजस्थान का ताजमहल कहते है।

(c) उम्मेद भवन (छीतर पैलेस) –

  • इसका निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह ने करवाया था।
  • यह बालु पत्थर से निर्मित स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है।

(d)  बालसमन्द झील

  • इस झील का निर्माण बालक राव द्वारा करवाया गया था। यह एक प्राकृतिक स्थल, सुन्दर उद्यान तथा इसमें एक महल भी है।

(e) मण्डोर

  • राव जोधा द्वारा जोधपुर किले की नींव रखने से पूर्व तक मण्डोर मारवाड़ की राजधानी था।
  • यहाँ पर जोधपुर के प्राचीन राजाओं की छतरियाँ स्थित है।
  • मण्डोर उद्यान में वीरों की गैलरी बनी हुई है जिसमें 16 आदमकद प्रतिमाएं लगी हुई है, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र है।

(f) ओसियां 

  • जोधपुर में स्थित ओसियां कस्बा वैष्णव तथा जैन मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है।
  • यहाँ पर निर्मित हरिहर के तीन मन्दिर खजुराहाे के समान प्रसिद्ध है।
  • यहाँ स्थित सच्चियाय माता का मन्दिर पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र है जिसका निर्माण 9 वीं या 10 वीं सदी में करवाया गया था।

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