जहांगीर (1605-1627) :
- जहांगीर का जन्म फतेहपुर सीकरी में हुआ था।
- अकबर जहांगीर (सलीम) को शेखोबाबा कहकर पुकारता था।
- जहांगीर का राज्याभिषेक आगरा के किले में 1605 में हुआ।
- देश के सामान्य कल्याण तथा उत्तम प्रशासन के लिए बारह आदेशों के प्रवर्तन के साथ उसके शासन का शुभारम्भ हुआ।
- सिखों के पांचवें गुरु अर्जुनदेव के साथ बागी शहजादा खुसरो तनतास में ठहरा था और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था। अतः जहांगीर ने पहले जुर्माना किया लेकिन जुर्माना अदा करने से इनकार करने पर गुरु अर्जुनदेव को फांसी दे दी गयी।
- 1613-1614 में शहजादा खुर्रम के नेतृत्व में किया गया मेवाड़ अभियान सफल रहा तथा राणा ने मुगलों से संधि कर ली।
- जहांगीर के शासनकाल की सबसे बड़ी असफलता फारस द्वारा कंधार पर अधिकार कर लेना था।
- उसी के शासनकाल में न्याय की जंजीर नाम से एक सोने की जंजीर आगरा दुर्ग के शाहबुर्ज तथा यमुना के तट पर एक पत्थर के खम्भे के बीच लगवायी गयी।
- 1611 में मिर्जा गयास बेग की पुत्री मेहरूनिसा के साथ जहांगीर का विवाह हुआ।
- मेहरूनिसा के पति शेर अफगान की हत्या के बाद जहांगीर ने उससे विवाह किया।
- सम्राट ने उसे नूरमहल की उपाधि दी जिसे बाद में बदलकर नूरजहां कर दिया गया। 1613 में बादशाह बेगम की उपाधि भी दी गई।
- नूरजहां के प्रभाव से उसके पिता मिर्जा गयास बेग को एतमाद-उद-दौला की उपाधि मिली।
- नूरजहां गुट में एतमाद-उद-दौला अस्मत बेगम (नूरजहां की मां) आसफ खां तथा शहजादा खुर्रम शामिल था।
- जहांगीर के शासनकाल के प्रथम काल में खुर्रम की अप्रत्याशित उन्नति तथा परवेज का पतन हुआ।
- जबकि दूसरे शासनकाल में नूरजहां का संबंध खुर्रम से अच्छा नहीं रहा क्योंकि नूरजहां खुर्रम (शाहजहां) के बादशाह बनने पर अपनी मर्जी अनुसार शासन नहीं चला पाती।
- 1623 में खुर्रम ने जहांगीर के कंधार जीतने के आदेश को मानने से इंकार कर दिया।
- 1626 में महावत खां ने विद्रोह कर दिया।
- 1617 में दक्कन अभियान की सफलता के बाद खुश होकर जहांगीर ने खुर्रम को शाहजहां की उपाधि प्रदान की।
- जहांगीर का मकबरा रावी नदी के किनारे शाहदरा (लाहौर) में है।
- जहांगीर के शासनकाल में विलियम हॉकिन्स, विलियम फिंच, सर टॉमस रो, एडवर्ड टैरी आदि यूरोपीय यात्री आये।
- नूरजहां की मां अस्मत बेगम को इत्र के आविष्कार की जननी कहा जाता था।
शाहजहां (1628-1658) :
- 1627 में जहांगीर की मृत्यु के समय शाहजहां दक्कन में था।
मुगलकालीन स्थापत्य
निर्माणकर्ता | निर्माण |
1.बाबर | (a) पानीपत मस्जिद (b) आगरा मस्जिद |
2.हुमायूं | (a) आगरा मस्जिद (b) दीनपनाह (दिल्ली) |
3.शेरशाह | (a) पुराना किला (दिल्ली) (b) किला-ए-कुहना (दिल्ली) (c) शेरशाह का मकबरा (सहसाराम) |
4.हाजी बेगम | (a) हुमायूं का मकबरा (दिल्ली) |
5.अकबर
| (a) लाल किला (आगरा) (b) फतेहपुर सीकरी (c) बुंद दरवाजा (फतेहपुर सीकरी) (d) सलीम चिश्ती का मकबरा (फतेहपुर सीकरी) (e) इलाहाबाद किला |
6.जहांगीर | (a) अकबर का मकबरा (सिकन्दरा) |
7.नूरजहां
| (a) एत्मात्उद्दौला का मकबरा (आगरा) (b) जहांगीर का मकबरा (शाहदरा) |
8.शाहजहां | (a) मोती मस्जिद (आगरा किला में) (b) जामा मस्जिद (आगरा) (c) ताजमहल (आगरा) (d) शाहजहांनाबाद (दिल्ली) (e) लाल किला (दिल्ली) (f) जामा मस्जिद (दिल्ली) |
9.औरंगजेब | (a) रबिया का मकबरा (औरंगाबाद) (b) बादशाही मस्जिद (लाहौर) (c) मोती मस्जिद (दिल्ली के लाल किला में) |
- धरमत (उज्जैन) के मैदान में 25 अप्रैल, 1658 को मुराद और औरंगजेब की संयुक्त सेना का मुकाबला दारा शिकोह की सेना, जिसका नेतृत्व जसवंत सिंह तथा कासिम खां कर रहे थे, के मध्य हुआ। युद्ध का परिणाम औरंगजेब के पक्ष में रहा।
- उत्तराधिकार का एक अन्य युद्ध सामूगढ़ के मैदान में 29 मई, 1658 को हुआ जिसमें दारा एक बार पुनः पराजित हुआ।
- औरंगजेब ने शाहजहां को 1658 में आगरा के किले में कैद रखा।
- शाहजहां के शासनकाल में यूरोपीय यात्री फ्रांसीस बर्नियर ने भारत की यात्रा की।
- शाहजहां के सिंहासन ‘तख्ते ताऊस’ में विश्व का सर्वाधिक महंगा हीरा कोहिनूर लगा था।
- शाहजहां ने तीर्थयात्रा कर पुनः लगाया गया।
- इसी समय इलाही संवत के स्थान पर हिजरी संवत प्रारम्भ हुआ।
- दारा शिकोह कादिरी सम्प्रदाय से सम्बद्ध था।
- दारा ने सफीनत औलिया, सकीनत औलिया, मजम-उल-बहरीन आदि पुस्तकें लिखीं।
- दारा ने अथर्ववेद एवं उपनिषदों का फारसी में अनुवाद कराया।
- सिर्र-ए-अकबर उपनिषदों का फारसी अनुवाद है।
औरंगजेब (1658-1707) :
- औरंगजेब का राज्याभिषेक 1658 तथा 1659 में दो बार हुआ था।
- आगरा पर अधिकार के पश्चात् 1658 में उसने आलमगीर की उपाधि धारण की।
- उसने सिक्कों पर कलमा अभिलिखित कराने की प्रथा समाप्त कर दी तथा पारसी नववर्ष नौरोज का आयोजन भी बंद कर दिया गया।
- तुलादान उत्सव तथा झरोखा दर्शन भी बंद हो गया।
- 1668 में हिन्दू त्योहारों के मनाने पर रोक लगा दी।
- 1679 में हिन्दुओं पर जजिया लगाया गया।
- 1669-70 में गोकुल के नेतृत्व में मथुरा क्षेत्र में जाट किसानों, 1672 में पंजाब के सतनामी किसानों तथा बुंदेलखंड में चम्पतराय और छत्रसाल बुंदेला के नेतृत्व में विद्रोह हुआ।
- औरंगजेब मारवाड़ के राजा जसवंत सिंह की मृत्यु के बाद उसके पुत्र अजीतसिंह की वैद्यता को अस्वीकार कर दिया।
- दुर्गादास के नेतृत्व में मारवाड़ ने औरंगजेब के खिलाफ संघर्ष किया।
- 1686 में बीजापुर को मुगल साम्राज्य में शामिल किया गया। तत्कालीन शासक सिकन्दर आदिलशाह था।
- 1687 में गोलकुंडा का पतन हुआ, यहाँ का शासक अबुल हसन कुतुबशाह था।
- मदना तथा अकन्ना नामक ब्राह्मणों के हाथों में गोलकुंडा के शासन की बागडोर थी।
- 1686 में जाटों ने पुनः राजाराम तथा उसके भतीजे चूड़ामन के नेतृत्व में विद्रोह किया। उन्होंने 1688 में सिकन्दरा स्थित अकबर के कब्र की लूटपाट की।
- 1675 में औरंगजेब ने गुरुतेगबहादुर को प्राणदंड दे दिया।
- तेगबहादुर बाकसाद-ए-बाबा के नाम से भी जाने जाते थे।
- 1681 में शहजादा अकबर ने विद्रोह कर नाड़ौल में अपने को भारत का सम्राट घोषित कर दिया।
- राठौड़ दुर्गादास तथा मराठा शासक शम्भाजी ने शाहजादा अकबर को शरण दिया था। अंततः शहजादा अकबर फारस चला गया।
- औरंगजेब ‘जिन्दापीर’ के नाम से जाना जाता था।
- उसने सती प्रथा को प्रतिबंधित किया तथा मनूची के अनुसार उसने वेश्याओं को शादी कर घर बसाने का आदेश दिया।
- 1669 में बनारस स्थित विश्वनाथ मंदिर तथा मथुरा का केशवराय मंदिर तोड़ा गया।
- औरंगजेब का मकबरा दौलताबाद में स्थित है।