उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ तथ्य-
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के पश्चात् किसी अन्य पद पर नियुक्त हो सकते हैं।
- जब ये न्यायाधीश किसी आयोग के अध्यक्ष होते हैं, तब आयोग का निर्णय उच्चतम न्यायालय का निर्णय नहीं माना जाता, इसलिये बाध्यकारी नहीं होता।
- संसद उच्चतम न्यायालय की अपीलीय शक्ति एवं अन्य शक्तियों को बढ़ा सकती है।
- भारत के उच्चतम न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश हीरा लाल कानिया थे।
- वर्ष-2013 में पहली बार उच्चतम न्यायालय में दो महिला न्यायाधीश कार्य कर रही हैं, जिसमें एक ज्ञान सुधा मिश्रा और दूसरी रंजना देसाई हैं।
उच्च न्यायालय
संवैधानिक प्रावधान-
- संविधान के भाग-6 में, अनुच्छेद-214 से अनुच्छेद-231 तक उच्च न्यायालय के विभिन्न प्रावधान दिये गये हैं।
- संविधान में संसद को यह शक्ति प्राप्त है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय का प्रावधान किया जाए।
- परंतु 7वें संविधान संशोधन अधिनियम-1956 से संसद को यह अधिकार है, कि वह दो या दो से अधिक राज्यों एवं एक संघ राज्य क्षेत्र के लिए एक साझा उच्च न्यायालय की स्थापना कर सकती है।
- वर्तमान में देश में 24 उच्च न्यायालय हैं।
- दिल्ली, एकमात्र संघ शासित प्रदेश है, जिसका अपना उच्च न्यायालय है। (31अक्टूबर, 1966)
- संसद विधि के द्वारा किसी उच्च न्यायालय की क्षेत्राधिकार को किसी संघ शासित क्षेत्र के लिए बढ़ा सकती है। (अनुच्छेद-230)
एक से अधिक राज्यों की अधिकारिता वाले उच्च न्यायालय-
- मुंबई उच्च न्यायालय–महाराष्ट्र, दादर एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव।
- कलकत्ता उच्च न्यायालय–पश्चिम बंगाल तथा अण्डमान एवं निकोबार।
- गुवाहाटी उच्च न्यायालय–असम, मिजोरम, नागालैण्ड, एवं अरूणांचल प्रदेश।
- पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय–पंजाब, हरियाणा एवं चण्डीगढ़।
- मणिपुर, मेघालय एवं त्रिपुरा 2013 में उच्च न्यायालय बने।
उच्च न्यायालय का गठन-
- प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश होंगे। (अनुच्छेद-216)
- संविधान में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या के बारे में उल्लेख नहीं है।
- न्यायाधीशों की संख्या को राष्ट्रपति अपने विवेक के अनुसार समय-समय पर निर्धारित करते हैं।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की योग्यता-
- वह भारत का नागरिक हो।
- भारतीय क्षेत्र में न्यायिक पद पर 10 वर्ष रहा हो।
- किसी उच्च न्यायालय में 10 वर्ष तक लगातार वकालत की हो।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की आयु सीमा-
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की भाँति उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की न्यूनतम आयु का वर्णन नहीं है।
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवा निवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।
शपथ-
- उच्च न्यायालय का न्यायाधीश तीसरी अनुसूची के अनुसार शपथ ग्रहण करता है।
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को राज्य का राज्यपाल तथा अन्य न्यायाधीशों को उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाता है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की श्रेणियाँ-
- उच्चन्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश (अनुच्छेद-224)-
- जब उच्च न्यायालय में कार्य की अधिकता होती है, तो राष्ट्रपति अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति कर सकते हैं।
- अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति दो वर्ष के लिए होती है। परंतु यह परंपरा है, कि उन्हें स्थायी कर दिया जाता है।
- अतिरिक्त न्यायाधीश का प्रावधान केवल उच्च न्यायालय के लिए है।
- कार्यकारीमुख्य न्यायाधीश (अनुच्छेद-223)-
- यदि किसी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद खाली हो, या वह अस्थायी रूप से अनुपस्थित हो या वह अपना कार्य न कर पा रहा हो, तो राष्ट्रपति किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को उस उच्च न्यायालय का कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर सकता है।
- अवकाशप्राप्त न्यायाधीशों की नियुक्ति-
- राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से एवं संबंधित न्यायाधीश की मंजूरी के बाद उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश किसी भी उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश को कार्यकारी न्यायाधीश की तरह काम करने के लिए नियुक्त कर सकता है।
- यह नियुक्ति कुछ समय के लिए की जाती है।
- नियुक्त किये गये न्यायाधीश को सभी विशेषाधिकार व सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।
- इनके वेतन एवं भत्तों का निर्धारण राष्ट्रपति द्वारा किया जाऐगा।