राजस्थान सामान्य ज्ञान : राजस्थान की रियासतें एवं ब्रिटिश संधियाँ, 1857 की क्रांति

राजस्थान की रियासतें एवं ब्रिटिश संधियाँ

  • भारत में ईस्ट इंडिया का आगमन 1600 ई. में हुआ था।
  • 1757 ई. में प्लासी के युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बंगाल में राजनीतिक सत्ता प्राप्त की।
  • EIC द्वारा सम्पूर्ण भारत पर राजनीतिक सत्ता की स्थापना 1764ई. के बक्सर के युद्ध के पश्चात् हुई इलाहाबाद की संधि के तहत की गई।
  • बक्सर युद्ध के बाद भारत में वास्तविक रूप से ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना मानी जाती है।
  • भारत में प्रथम सहायक संधि हैदराबाद के निजाम के साथ वर्ष 1798 में की गई।
  • वर्ष 1803 में राजस्थान में सर्वप्रथम भरतपुर के महाराजा रणजीत सिंह के साथ लॉर्ड वेलेजली ने सहायक संधि की।
  • उसके पश्चात् क्रमश: बख्तावर सिंह के समय अलवर के साथ, महाराजा जगत सिंह II के समय जयपुर के साथ तथा 22 दिसम्बर, 1803 को जोधपुर के साथ संधि की गई।
  • गवर्नर जनरल हेस्टिंग्ज ने संधियों द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना की तथा उसने अधीनस्थ पार्थक्य की नीति का प्रतिपादन किया।
  • चार्ल्स मेटकॉफ राजस्थान के राज्यों को अंग्रेजी संरक्षण देने के पक्ष में था।
  • लॉर्ड हेस्टिंग्ज द्वारा चार्ल्स मेटकॉफ को राजपूत राज्यों से संधियाँ करने का दायित्व सौंपा गया।
  • 1817-18 की संधियों में चार्ल्स मेटकॉफ तथा कर्नल जेम्स टॉड की विशेष भूमिका रही।
  • राजपूताना में हेस्टिंग्ज की अधीनस्थ पार्थक्य नीति के तहत सर्वप्रथम संधि करौली के शासक के साथ की गई।
  • प्रथम विस्तृत एवं व्यापक संधि दिसम्बर, 1817 में कोटा के प्रशासक झाला जालिम सिंह के साथ की गई।
  • विभिन्न रियासतों के साथ की गई संधियाँ –
रियासत शासक संधि की तिथि विशेष विवरण
करौली महाराजा हरबक्शपाल सिंह 9 नवंबर, 1817 यह राजस्थान की प्रथम रियासत थी जिसने सहायक संधि की।

 

टोंक अमीर खाँ पिण्डारी 17 नवंबर, 1817 इस सहायक संधि के तहत अमीर खाँ पिण्डारी को टोंक का नवाब बनाया गया।
कोटा महाराव उम्मेदसिंह-I 26 दिसम्बर 1817 कोटा के प्रतिनिध के रूप में  सहायक संधि शिवदान सिंह, लाला हुकुमचंद तथा शेख जीवन राम ने चार्ल्स मैटकॉफ से दिल्ली में संपन्न की।
जोधपुर महाराजा मानसिंह 6 जनवरी, 1818 आसोपा बिशनराम व व्यास अभयराम ने  जोधपुर की ओर से कंपनी के साथ सहायक संधि की।
मेवाड़

 

महाराणा भीमसिंह 13 जनवरी, 1818 मेवाड़ में भीम सिंह की ओर से ठाकुर अजीत सिंह ने कंपनी के साथ सहायक संधि संपन्न की।
बूँदी महाराव विष्णुसिंह फरवरी, 1818
बीकानेर महाराजा सूरतसिंह 9 मार्च, 1818 महाराजा सूरत सिंह के प्रतिनिधि  ओझा काशीनाथ ने चार्ल्स मैटकाॅफ के साथ संधि संपन्न की।
किशनगढ़ महाराजा कल्याणसिंह 26 मार्च, 1818
जयपुर महाराजा जगतसिंह-II 2 अप्रैल, 1818 जयपुर की ओर से ठाकुर रावल बैरिसाल नाथावत ने तथा कंपनी की ओर से चार्ल्स मैटकॉफ ने संधि पर हस्ताक्षर किए।
प्रतापगढ़ महारावल सामंत सिंह 5 अक्टूबर,1818
डूँगरपुर महारावल जसवंत सिंह-II 11 दिसम्बर, 1818
जैसलमेर महारावल मूलराज-II 12 दिसम्बर, 1818
बाँसवाड़ा महारावल उम्मेदसिंह 25 दिसम्बर, 1818
सिरोही महाराजा शिवसिंह 11 सितम्बर, 1823 अधीनस्थ पार्थक्य की नीति के तहत अंतिम संधि सिरोही से संपन्न की गई।
  • अधीनस्थ पार्थक्य की नीति के तहत सर्वप्रथम करौली रियासत से तथा अंत में सिरोही से संधि की गई।
  • नवम्बर, 1817 में टोंक रियासत का निर्माण किया गया तथा अमीर खाँ पिंडारी को इसका नवाब घोषित किया गया।
  • ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अजमेर का क्षेत्र दौलतराव सिंधिया से वर्ष 1818 में प्राप्त किया।
  • अंग्रेजों द्वारा बनाई गई अंतिम रियासत झालावाड़ थी जिसकी राजधानी झालरापाटन को बनाया गया।
  • झालावाड़ रियासत के शासक झाला मदन सिंह बने।

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