राजस्थान सामान्य ज्ञान : मुगल साम्राज्य

अकबर (1556-1605) :

  • हुमायूं जब बीकानेर से लौट रहा था तो अमरकोट के राणा ने उसे सहारा दिया।
  • अमरकोट में ही 1542 में अकबर का जन्म हुआ।
  • 1556 में कलानौर में अकबर की ताजपोशी 13 वर्ष 4 महीने की अवस्था में हुई।
  • बैरम खां को खान-ए-खाना की उपाधि प्रदान की गयी तथा राज्य का वकील बनाया गया।
  • 5 नवम्बर, 1556 में हेमू के नेतृत्व में अफगान फौज तथा मुगलों के बीच पानीपत की दूसरी लड़ाई हुई जिसमें अफगान सेना पराजित हुई।
  • बैरम खां लगभग 4 वर्ष तक (1556-1560) साम्राज्य का सरगना रहा।

प्रान्तीय स्थापत्य कला

1.अटाला मस्जिदइब्राहिम शाह शर्की (जौनपुर)
2.अदीना मस्जिद (पांडुआ)सिकन्दरशाह (बंगाल)
3.मांडू का किलाहुशंगशाह (मालवा)
4.बाज बहादुर एवं रूपमती महलनासिद्दीन शाह (मालवा)
5.हुशंगशाह का मकबरामहमूद I (मालवा)
6.हिंडोला महलहुशंगशाह (मालवा)
7.अहमदशाह का मकबरामुहम्मद शाह (गुजरात)
8.जामा मस्जिदसिकन्दर (कश्मीर)
  • अकबर की धाय माय माहम अनगा थी।
  • बैरम खां की मृत्यु के बाद अकबर को पहली विजय मालवा (1561) थी।
  • मालवा का शासक बाज बहादुर संगीत प्रेमी था।
  • 1564 ई. में अकबर ने गढकटंगा (गोंडवाना) को विजित किया।
  • गढ कटगा की स्थापना अमन दास ने की थी।
  • यहाँ का राजा वीर नारायण अल्पायु था, अतः उसकी मां रानी दुर्गावती जो महोबा की चंदेल राजकुमारी थी, गढ़कटंगा की वास्तविक शासिका थी।
  • आमेर के राजपूत शासक भारमल अकबर की अधीनता स्वीकार करने वाले प्रथम राजपूत शासक थे।
  • अकबर द्वारा 1567-1568 में मेवाड़ अभियान किया गया।
  • मेवाड़ का तत्कालीन शासक राणा उदयसिंह ने मालवा के शासक बाज बहादुर को अपने यहाँ शरण देकर अकबर को क्रोधित कर दिया। साथ ही मेवाड़ काफी शक्तिशाली राजपूत राज्य भी था।
  • राणा उदयसिंह के छिपने के बाद राजपूत सेना का नेतृत्व जयमल तथा फतेह सिंह (फत्ता) ने संभाला।
  • इन दोनों वीरों के मरने के बाद स्त्रियों ने जौहर कर लिया।
  • अकबर ने आगरा के मुख्य द्वार पर जयमल तथा फत्ता की प्रतिमाएं लगाने का आदेश दिया।
  • आसफ खां को मेवाड़ का सूबेदार नियुक्त किया गया।
  • 1569 में अकबर ने रणथम्भौर के राय सुरजन हाड़ा को अधीनता स्वीकार करने के लिए विवश किया।
  • 1570 में बीकानेर के शासक राय कल्याण मल, जैसलमेर के शासक रावल हरराय ने अकबर की अधीनता स्वीकार की।
  • अकबर द्वारा 1572-73 में गुजरात अभियान किया गया।
  • गुजरात का तत्कालीन शासक मुजफरशाह III था।
  • गुजरात में ही अकबर सर्वप्रथम पुर्तगालियों से मिला और यही पर उसने पहली बार समुद्र को देखा। अकबर ने लड़के व लड़कियों की विवाह की आयु 16 व 14 वर्ष तय की।
  • 1574-76 में अकबर ने बिहार तथा बंगाल को मुगल साम्राज्य में शामिल किया।
  • उदयसिंह की मृत्यु के बाद राणा प्रताप मेवाड़ का शासक बना।
  • राणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुन्दा में हुआ।
  • 18 जून, 1576 को मुगल सेना तथा राणा प्रताप की सेना के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ जिसमें राणा पराजित हुआ।
  • बीदा झाला ने राणा प्रताप को बचा लिया।
  • राणा प्रताप की मृत्यु के बाद अमर सिंह मेवाड़ का शासक बना।
  • 1599 में मानसिंह के नेतृत्व में मुगल सेना ने अमर सिंह को पराजित कर दिया। लेकिन मेवाड़ को पूर्ण रूपेण जीता नहीं जा सका।
  • 1585-86 में अकबर द्वारा कश्मीर को जीतने तथा काबुल को मुगल साम्राज्य का अंग बनाने के लिए अभियान किया। युसूफजाई कबीले के विद्रोह को दबाने के क्रम में राजा बीरबल मारे गये। बाद में टोडरमल ने इस विद्रोह को दबाया।
  • कश्मीर के तत्कालीन शासक युसूफ खां पराजित हुए।
  • 1590 में अकबर ने सिंध विजय किया। इस अभियान का नेतृत्व अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना द्वारा किया गया।
  • अकबर प्रथम मुगल शासक था जिसने दक्षिणी राज्यों को अधीन करने के लिए अभियान किया।
  • खानदेश अकबर की अधीनता स्वीकार करने वाला प्रथम दक्कनी राज्य था। यहाँ का शासक अली खां था।
  • 1601 में असीरगढ़ के किले को विजित किया गया जो कि अकबर का अंतिम सैनिक अभियान था।
  • 1602 में सलीम (जहाँगीर) के निर्देश पर ओरछा के बुंदेला सरदार वीरसिंह ने अबुल फजल की हत्या कर दी।
  • 1605 में अतिसार रोग से अकबर की मृत्यु हो गयी।
  • अकबर का मकबरा आगरा के समीप सिकन्दरा में है।
  • 1575 में अकबर ने अपनी नयी राजधानी फतेहपुर सीकरी (आगरा) में इबादतखाना यानी प्रार्थना भवन बनाया।
  • इबादतखाना में धार्मिक विषयों पर वाद – विवाद होता था।
  • 1578 में इबादतखाना को सभी धर्मों के लिए खोल दिया गया।
  • 1579 में अकबर ने मुल्लाओं से निपटने के लिए और अपनी स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए महजर की घोषणा की।
  • महजर की घोषणा के बाद अकबर ने सुल्तान-ए-आदिल की उपाधि धारण की।
  • 1582 में इबादतखाना को बंद कर दिया गया।
  • बदायूंनी अकबर का घोर आलोचक था।
  • 1582 में अकबर ने विभिन्न धर्मों के सार संग्रह के रूप में दीन-ए-इलाही की घोषणा की जो एकेश्वरवाद पर आधारित था।
  • अबुल फजल तथा बदायूंनी के तथाकथित नये धर्म के लिए ‘तौहीद-ए-इलाही’ शब्द का प्रयोग किया है।
  • दीन-ए-इलाही की स्थापना के पीछे अकबर का उद्देश्य ‘सुलह-ए-कुल’ अथवा सार्वभौमिक सहिष्णुता की भावना का प्रसार करना था।
  • बीरबल ने तौहीद-ए-इलाही की दीक्षा ली थी।
  • 1562 में अकबर ने युद्ध बंदियों को बलात दास बनाने की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया।
  • 1563 में अकबर ने हिन्दू तीर्थयात्रियों पर से तीर्थयात्रा कर को समाप्त कर दिया।
  • अबुल फजल के अनुसार 1564 में गैर-मुसलमानों से वसूल किये जाने वाले जजिया कर को अकबर ने समाप्त कर दिया। जबकि बदायूंनी के अनुसार 1599 में जजिया कर समाप्त किया गया।
  • 1571 में फतेहपुर सीकरी नगर का निर्माण करवाकर राजधानी आगरा से फतेहपुर स्थानान्तरित की गयी।
  • प्रसिद्ध सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के साथ अकबर के घनिष्ठ संबंध थे।
  • 1580 में अकबर ने सम्पूर्ण साम्राज्य को 12 प्रान्तों में विभाजित कर दिया।
  • टोडरमल राजस्व मामलों का विशेषज्ञ था। उसने जब्ती प्रथा को जन्म दिया।
  • अकबर के नवरत्न में बीरबल, अबुल फजल, फैजी, टोडरमल, भगवानदास, तानसेन, मानसिंह, अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना आदि शामिल थे।
  • महेशदास नामक ब्राह्मण को अकबर ने बीरबल की पदवी दी थी।
  • अबुल फजल का भाई फैजी अकबर का राजकवि था।
  • अकबर के समय में सिंहासन बतीसी, अथर्ववेद, बाइबल, महाभारत, गीता, रामायण, पंचतंत्र, कुरान आदि का अनुवाद किया गया।

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