राजस्थान सामान्य ज्ञान : पशु सम्पदा

  1. ऊँट
  • सर्वाधिक – जैसलमेर। न्यूनतम – प्रतापगढ़।
  • 19 सितम्बर 2014 को राज्य पशु घोषित।
  1. जैसलमेरी :सवारी के लिए प्रसिद्ध।
  2. बीकानेरी :भार वहन के लिए प्रसिद्ध।
  3. अलवरी :कद छोटा होता है।
  4. कच्छी :साधारण।
  • नाचना गांव (जैसलमेर– सवारी व दौड़ के लिए प्रसिद्ध।
  • गोमठ गांव (फलौदीजोधपुर सवारी, भार वहन के लिए प्रसिद्ध।
  • गुरहा ऊँट की नाल है।
  1. घोड़ा
  • बीकानेर स्थित केन्द्रीय अश्व उत्पादन परिसर में ‘चेतक घोड़े‘ के वंशज तैयार किये जायेगें। सर्वाधिक – बीकानेर न्यूनतम – डूंगरपुर।
  1. मालाणी
  • मूल उत्पत्ति स्थल – मालाणी गांव (बाड़मेर)।
  • एक रंग का घोड़ा अच्छा नहीं माना जाता है।
  • कुमेत (लाल) रंग का घोड़ा सबसे अच्छा माना जाता है जो पंचकल्याण (पांच धब्बे) होता है। चार पैरों पर व एक माथे पर।
  • आलम जी का धौरा, गुढामलानी के पास बाड़मेर धौरीमन्ना के पास में है। इस स्थान को घोड़ों का तीर्थ स्थल कहते हैं।
  • यहां गर्भवती घोड़ियों की जात दिलाते हैं। अरबी लोग इसे राड़धरा कहते थे।
  • यह स्थान तुगलक काल से प्रसिद्ध है।
  1. मारवाड़ी
  • दौड़ के लिए उपयुक्त।
  1. काठियावाड़ी
  • साधारण नस्ल। घुड़सवारी के लिए सबसे अच्छी नस्ल।

मत्स्य : पालन- यह विभाग पृथक रूप से 1982 में खोला गया।

  • उदयपुर में मत्स्य प्रशिक्षण विद्यालय स्थित है।
  • 2 राष्ट्रीय मत्स्य बीज उत्पादन फार्म कासिमपुरा (कोटा) तथा भीमपुरा (बांसवाड़ा) में कार्यरत है।
  • महाशीर मत्स्य प्रजातियों को संरक्षण देने के लिए उदयपुर के बड़ी तालाब को प्रदेश का पहला मत्स्य अभ्यारण्य बनाया जायेगा।

पशु प्रजनन अनुसंधान केन्द्र

केन्द्र सरकार :

  • पशुमाता उन्मूलन योजना – पशुओं मे संक्रामक रोकथाम हेतु 1958-59 में यह योजना राजस्थान में शुरू की गई।
  • केद्रीय पशु प्रजनन फार्म – सूरतगढ़ (गंगानगर) -1956 में।
  • केन्द्रीय भेड़ प्रजनन व ऊन अनुसंधान केन्द्र – अविकानगर (टोंक)। इसका एक उपकेन्द्र है मरू क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र बीछवाल, बीकानेर।
  • केन्द्रीय ऊंट प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र – जोडबीर, शिवबाड़ीबीकानेर। इसकी स्थापना 5 जुलाई, 1984 को हुई।
  • पश्चिम क्षेत्रीय बकरी अनुसंधान केन्द्र – अविकानगर (टोंक)। स्थापना – 1986 में।
  • भारतीय पशुपालन विकास एवं अनुसंधान लि. 2010 में बनीपार्क, जयपुर में स्थापित किया गया।
  • केन्द्रीय अश्व प्रजनन व अनुसंधान केन्द्र – जोडबीर, शिवबाड़ीबीकानेर।

राज्य सरकार :

  • राज्य सरकार का पहला पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर में खोला गया।

पशुपालन विभाग के द्वारा स्थापित अनुसंधान केन्द्र :

  • बकरी प्रजनन एवं चारा उत्पादन (अनुसंधान) केन्द्र – रामसर (अजमेर), स्थापना – 1981 में स्विट्जरलैण्ड के सहयोग से। यहां स्विट्जरलैण्ड के एल्पाइन व टोगनबर्ग नस्लों के बकरों से सिरोही नस्ल की बकरियों का क्रॉस प्रजनन करा कर के नयी नस्ल परबतसरी विकसित की गयी।
  • सूकर प्रजनन एवं अनुसंधान केन्द्र – अलवर में। दूसरा नया प्रस्तावित अजमेर में।
  • अश्व प्रजनन फार्म – राजस्थान में दस फार्म है। गांधीनगर (जयपुर), बिलाड़ा (जोधपुर), बाली (पाली), सिवाणा (बाड़मेर), जालौर, सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ तथा बीकानेर, मनोहरथाना (झालावाड़)।
  • नीजि क्षेत्र का पहला अश्व प्रजनन फार्म – मारवाड़ अश्व प्रजनन एवं अनुसंधान संस्थान केरू, जोधपुर में खोला गया।
  • गौवंश प्रजनन फार्म – कुम्हेर-हरियाणवी गाय/मुर्राह भैंस, नागौर-नागौरी गौवंश, डग-झालवाड़ (मालवी नस्ल)।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page