- चित्तौड़गढ़–
- यह अपने ऐतिहासिक दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है, जो राजपूतों के बलिदान और जौहर के लिए प्रसिद्ध है।
चित्तौड़गढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल –
(a) चित्तौड़गढ़ दुर्ग –
- यह 11.5 किमी. के परकोटे में बना हुआ है।
- इसमें प्रवेश के लिए 7 द्वार हैं, जो हैं –
(i) पाण्डव पोल
(ii) भैरव पोल
(iii) हनुमान पोल
(iv) गणेश पोल
(v) लक्षमण पोल
(vi) राम पोल
(vii) जोड़ला पोल
- दुर्ग के बीच में फत्ता (पत्ता) व जयमल की छतरियाँ हैं।
(b) विजय स्तम्भ –
- इसका निर्माण 1458 ई. से 1468 ई. के बीच महाराणा कुम्भा ने करवाया था।
- इस स्तम्भ का निर्माण 1440 ई. के मालवा के सुल्तान “महमूद शाह’ तथा गुजरात के सुल्तान “कुतुबुद्दीन शाह’ के संयुक्त आक्रमण पर विजय के उपलक्ष्य में महाराणा कुम्भा ने करवाया था।
(c) कीर्ति स्तम्भ –
- इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में जैन व्यापारी जिनाजी ने करवाया था।
- यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ से सम्बन्धित है।
उदयपुर के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल है – कुम्भ श्याम का मंदिर, पदमिनी के महल, मीरा मंदिर, जौहर स्थल, गौमुख कुण्ड, भीमलथ झील
- कोटा–
- कोटा नगर राजस्थान के दक्षिण-पूर्व में चम्बल नदी के किनारे स्थित है।
- यहाँ का दशहरा मेला देश में प्रसिद्ध है।
कोटा के प्रमुख पर्यटन स्थल –
(a) रंगबाड़ी –
- महावीर जी का प्राचीन मंदिर तथा उसके निकट तालाब, छतरियाँ और बगीचे पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण का केंद्र है।
(b) बारोली –
- यहाँ पर 8वीं शताब्दी के अतिसुन्दर मंदिर स्थित हैं, जो स्थापत्यकला की दृष्टि से उत्कृष्ट हैं।
(c) अजायबघर –
- इस अजायबघर का नाम महाराजा माधो सिंह अजायबघर है जो प्राचीन राजमहल में स्थित है।
- इसमें राजपूत शैली की चित्रकला, भित्तिचित्र, हस्तलिखित ग्रन्थ, हाड़ौती शैली की मूर्तियाँ, प्राचीन सिक्कें आदि का संग्रह है।
(d) दर्रा अभयारण्य –
- दर्रा राष्ट्रीय उद्यान या राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभयराण्य राजस्थान के कोटा जिले में स्थित है जो घड़ियालों (पतले मुँह वाले मगरमच्छ) के लिए लोकप्रिय है।
- यह अभयराण्य मुकन्दरा पहाड़ियों के मध्य दर्रा घाटी में स्थित है।
- इस अभयारण्य में जंगली सुअर, तेन्दुए, हिरण पाये जाते हैं।
- यह अभयारण्य दुर्लभ कराकल के लिए भी प्रसिद्ध है।
कोटा के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल :–
- नीलकंठ महादेव मन्दिर, विश्वनाथ मन्दिर, गोपुरनाथ शिवालय, सीताबाड़ी राजमहल, अमर निवास, छत्रविलास आदि प्रमुख है।
(10) सिरोही –
सिरोही के प्रमुख पर्यटन स्थल –
(a) माउण्ट आबू –
- यह राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है।
- माउण्ट आबू में राजस्थान की सर्वोच्च पर्वत चोटी गुरु शिखर (1727 मीटर) स्थित है।
- समुद्र तल से 1220 मीटर की ऊँचाई पर स्थित आबू पर्वत राजस्थान का एकमात्र पहाड़ी नगर है।
- यह अरावली पर्वतमाला का सर्वोच्च शिखर, हिन्दू और जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- माउण्ट आबू सर्वप्रथम चौहान साम्राज्य का हिस्सा था उसके बाद सिरोही के महाराजा ने माउण्ट आबू को राजपूताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजों को पट्टे पर दे दिया था।
- ब्रिटिश शासन के दौरान माउण्ट आबू मैदानी इलाकों की गर्मियों से बचने के लिए अंग्रेजों का प्रमुख आश्रय स्थल बना।
- यूनानी राजदूत मेगस्थनीज ने अपने संस्मरणों में माउण्ट आबू का उल्लेख किया है।
(b) दिलवाड़ा जैन मन्दिर –
- दिलवाड़ा का विश्व प्रसिद्ध जैन मन्दिर संगमरमर की उत्कृष्ट वास्तुकला एवं स्थापत्य कला का प्रतीक है।
- इस मन्दिर का निर्माण 1031 ई. में विमलशाह द्वारा करवाया गया था।
- यह मन्दिर जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है।
- इन मुख्य पाँच मंदिरों में से वास्तुपाल और तेजपाल के मंदिर अतिउत्तम है।
(c) अचलगढ़ –
- यहाँ पर चार मन्दिर है जिनमें गोमुखजी का मन्दिर अत्यन्त लोकप्रिय है।
- यह अचलगढ़ के किले एवं मन्दिर के रूप में स्थित है।
- इसका निर्माण मेवाड़ के महाराणा कुम्भा ने 1452 ई. एक पहाड़ी के ऊपर करवाया था।
- इसी पहाड़ी के तल पर भगवान शिव को समर्पित 15 वीं शताब्दी का अचलेश्वर मन्दिर स्थित है।
(d) नक्की झील –
- नक्की झील माउण्ट आबू में स्थित एक अत्यन्त सुन्दर पर्यटन स्थल है।
- यह राजस्थान की मीठे पानी की सबसे ऊँची झील है।
- किवदन्ती के अनुसार इस झील का निर्माण देवताओं ने अपने नाखुनों से खोदकर किया था इसलिए इसे नक्की (नख या नाखुन) नाम से जाना जाता है।
(e) टॉड रॉक व नन रॉक –
- यह रॉक नक्की झील के दक्षिण में स्थित है।
- इसका आकार मेंढक की भाँति है। इसे टॉड रॉक के नाम से जाना जाता है।
- राजपूताना क्लब के पास स्थित एक अन्य चट्टान घूंघट निकाले स्त्री जैसी है जिसे नन रॉक कहते है।
सिरोही के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थल –
- सनसेट पॉइंट, अर्बुदा देवी, भर्तृहरि की गुफा, राणा कुम्भा का महल, गौमुख गुरुशिखर, वशिष्ट आश्रम, अचलेश्वर महादेव मन्दिर आदि।