राजस्थान सामान्य ज्ञान : पर्यटन एवं पर्यटन स्थल – 1

उल्लेखनीय बिन्दु :-

  • इस नीति में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न इकाईयों को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है जिनमें अब होटल, मोटेल, हैरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेन्ट, केम्पिंग साइट, माइस/कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स रिसोर्ट, रिसोर्ट, हैल्थ रिसोर्ट, एम्यूजमेंट पार्क, एनिमल सफारी पार्क, रोप वे, ट्यूरिज्म लग्जरी कोच, केरावेन एवं क्रूज पर्यटन सम्मिलित है।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन पर्यटन इकाईयों का भूमि सम्परिवर्तन निःशुल्क होगा।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान हैरिटेज सम्पत्तियों एवं हैरिटेज होटलों को भू-सम्परिवर्तन शुल्क से मुक्त किया गया है।
  • हैरिटेज होटलों को पट्टा जारी करने के लिए पात्र माना जाएगा।
  • सभी पर्यटन इकाईयाँ अपने लिए मानव संसाधन प्रशिक्षित करने हेतु राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के अन्तर्गत रोजगार से जुड़े कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण संस्थान के अनुमोदन के लिए पात्र होंगी।
  • सिंधु दर्शन यात्रा योजनाः लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन यात्रा योजना 2015-16 में लागू की गई। इसके तहत तीर्थ यात्रा पर जाने वाले प्रदेश के 200 तीर्थ यात्रियों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत सिंधु दर्शन सहायता राशि दी जायेगी।
  • प्रसाद और हृदय योजनाः धार्मिक यात्रा के कायाकल्प और आध्यात्मिक सुदृढ़ीकरण और हेरीटेज सिटी के विकास के लिए केन्द्र सरकार ने निम्न दो नई योजनाएँ ‘प्रसाद’ और ‘हृदय’ योजना बनाई है-
  • प्रसाद योजना– (तीर्थस्थल पुनरोद्धार व आध्यात्मिक परिवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन-National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentatiojn Drive)।
  • केन्द्र सरकार द्वारा यह योजना 9 मार्च, 2015 को लांच की गई। इसके तहत प्रारम्भिक रूप से 12 शहर-अजमेर, अमृतसर, अमरावती, द्वारिका, गया, काँचीपुरम, केदारनाथ, कामख्या, मथुरा, पुरी, वाराणसी व वेल्लांकनी में विकास कार्य किए जाएँगे।
  • हृदय योजना :- यह विरासत नगरों की विशिष्टताओं के संरक्षण ओर परिरक्षण के लिए ‘राष्ट्रीय विरासत नगर विकास और संवर्द्धन योजना’ (HRIDAY-National Heritage Development & Augmentation Yojana) है। इस योजना को 22 जनवरी, 2015 को लाँच किया गया।
  • यह योजना वाराणसी, अमृतसर, वारंगल, अजमेर, गया, मथुरा, काँचीपुरम, वेल्लांकनी, अमरावती, बादामी, द्वारिका व पुरी में लागू होगी।
  • स्वदेश दर्शन योजना :- विशिष्ट थीमों पर आधारित पर्यटन सर्किटों के एकीकृत विकास की योजना जो 9 मार्च, 2015 को लांच की गई। 13 सर्किट चिहिन्त।
  • स्वदेश दर्शन योजना के तहत भारत सरकार ने 30 सितम्बर, 2015 को सांभर लेक टाउन के विकास को स्वीकृति दी है।
  • क‌ृष्णा सर्किट -: श्रीनाथजी (नाथद्वारा),गोविन्द देव जी (जयपुर) कनक व‌ृन्दावन (जयपुर) चरण मंदिर (जयपुर) गलताजी (जयपुर) खाटूश्याम जी (सीकर)।

पर्यटन विभाग द्वारा किये गये प्रयास :-

  • पर्यटन विभाग द्वारा  ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार इसका आयोजन 19-21 अपैल, 2015 तक जयपुर में किया गया।
  • आमेर महल में 21 फरवरी, 2015 से शाम 7 बजे से 10 बजे तक नाइट टूरिज्म की व्यवस्था की गई है। यह देश का पहला स्मारक होगा जहाँ नाइट टूरिज्म प्रारम्भ किया गया है। पुरातत्व विभाग के मुताबिक ताजमहल सिर्फ पूर्णिमा पर रात में खुलता है तथा उड़ीसा का कोणार्क मंदिर इसके अतिरिक्त देश में किसी भी अन्य स्मारक पर रात के समय पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है।
  • नाइट जंगल सफारीः राजस्थान के नेशनल पार्क और अभयारण्यों में अब सफारी और नाइट टैकिंग भी हो सकेगी। वन विभाग ने इको टयूरिज्म बढ़ाने के लिए नेशनल  पार्क और अभयारण्यों के बीच निम्न जगहें विकसित की है-
  • भीलवाड़ा का मीनाल-हमीरगढ़ अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ का बस्सी और सीतामाता अभयारण्य, अजमेर का पंचकुंड अभयारण्य, जोधपुर का गुढा विश्नोई अभयारण्य, जालौर का सुंडामाता अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ में भैंसरोडगढ़ तथा कोटा में मुकुंदरा हिल्स अभयारण्य आदि है।

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