राजस्थान सामान्य ज्ञान : पदार्थ की संरचना एवं रासायनिक पदार्थ

परिवर्तनशील संयोजकता (Variable valency)

  • कम संख्या वाली संयोजकता के लिये अस अनुलग्न तथा अधिक संख्या वाली संयोजकता के लिये इक (ic) अनुलग्न प्रयोग करते हैं।

रासायनिक बंध

  • बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉन की संख्या आठ प्राप्त करने के प्रयास में तत्त्वों की रासायनिक क्रियाशीलता या रासायनिक बंधनता होती है।
  • तत्त्वों में यह रासायनिक बंधन दो प्रकार से संभव है-
  1. परमाणुओं द्वारा इलेक्ट्रॉन के पूर्ण आदान-प्रदान से [आयनिक आबन्ध (Ionic or Electrovalent Bond)]
  2. परमाणुओं द्वारा इलेक्ट्रॉनों के साझे से

इलेक्ट्रॉन का साझा दो प्रकार से संभव है- 1. साझे के इलेक्ट्रॉन दोनों परमाणुओं से समान संख्या में प्राप्त हों। [सहसंयोजक बंध (Covalent Bond)]  2. साझे के लिए इलेक्ट्रॉन एक परमाणु से ही प्राप्त हो। [उपसहसंयोजक बंध (Coordinate Bond)]

आयनिक बंध

  • यह बंध विद्युत धनी व विद्युत ऋणी तत्वों के परमाणुओं के मध्य बनता है। धनावेशित व ऋणावेशित आयन के मध्य स्थित वैद्युत आकर्षण बल कार्य करता है। जिससे दोनों आयन साथ-साथ बंधे रहते हैं व उनके मध्य आयनिक या वैद्युत संयोजक बंध बन जाता है। ऐसे यौगिक आयनिक या वैद्युत संयोजी योगिक कहलाते हैं। आयनिक बंध बनने के लिए यह आवश्यक है कि विद्युत धनी (Cation) तत्त्व का आयनन विभव निम्न व विद्युत ऋणी (Anion) तत्त्व की इलेक्ट्रॉन बंधुता उच्च होनी चाहिए।
  • आयनिक यौगिक कठोर व क्रिस्टलीय होते हैं। इनके गलनांक व

सामान्य विद्युत धनात्मक मूलक

एकल संयोजीद्विसंयोजीत्रिसंयोजीचतुः संयोजीपंचसंयोजी
हाइड्रोजन H+क्यूप्रिक Cu2+ऐलुमिनियम Al3+स्टैनिक Sn4+आर्सेनिक As5+
सोडियम Na+बेरियम Ba2+फेरिक Fe3+प्लम्बिक Pb4+एन्टिमनी Sb5+
लीथियम Li+मैग्नीशियम Mg2+फॉस्फोरस P3+
रूबीडियम Rb+मैंगनीज Mn2+नाइट्रोजन (N2O3 में) N3+
सीजियम Cs+कैडमियम Cd2+
नाइट्रोजन(N2Oमें) N+स्ट्रॉन्शियम Sr2+

जिंक Zn2+

प्लम्बस Pb2+

बेरोलियम Be2+

नाइट्रोजन (NO में) N2+

गैलियम Ga3+

स्कैण्डियम Sc3+

पोटैशियम K+कैल्सियम Ca2+क्रोमियम Cr3+प्लैटिनम Pt4+फॉस्फोरस P5+
क्यूप्रस Cu+मरक्यूरिक Hg2+ऑरिक Au3+कार्बन C4+वैनेडियम V5+
मरक्यूरस Hg+कोबाल्ट Co2+आर्सेनियस As3+नाइट्रोजन

(NO2 में तथा N2O4) में N4+

नाइट्रोजन(N2O5 में) N5+
सिल्वर Ag+स्टैनस Sn2+बिस्मथ Bi3+सिलिकॉन Si4+
अमोनियम NH4+निकिल Ni2+बोरॉन B3+सल्फर (SO2 में) S4+
ऑरस Au+फेरस Fe2+एण्टिमॉनस Sb3+मैंगनीज(MnO2 में) Mn4+

सामान्य विद्युत ऋणात्मक मूलक

एकल संयोजीद्विसंयोजीत्रिसंयोजीचतुः संयोजी
फ्लुओराइड F

क्लोराइड Cl

सुपर ऑक्साइड O2

थायोसायनेट SCN

नाइट्राइट NO2

नाइट्रेट NO3

बाइसल्फाइड HS

बाइसल्फाइट HSO3

बाइसल्फेट HSO4

क्लोरेट ClO3

ब्रोमेट BrO3

आयोडेट IO3

हाइपोक्लोराइट ClO

हाइपोबोमाइट BrO

हाइपोआयोडाइट IO

हाइपोफॉस्फाइट H2PO2

परक्लोरेट ClO4

परमैंगनेट MnO4

सायनेट CNO

आइसोसायनेट NCO

आइसोथायोसायनेट NCS

मेटाऐलुमिनेट AlO2

हाइपोफॉस्फेट H2PO4

ब्रोमाइड Br

आयोडाइड I

हाइड्राइड H––

हाइड्रॉक्साइड OH

सायनाइड CN

ऐंसीटेट CH3COO

कार्बोनेट CO32–

सल्फाइड S2–

सल्फाइट SO32–

मैंगनेट MnO42–

सिलिक्रेट SiO32–

स्टैनाइट SnO22–

स्टैनेट SnO32–

जिन्केट ZnO22–

प्लम्बाइट PbO22–

प्लम्बेट PbO32–

हाइड्रोजन फॉस्फेट HPO42–

थायोसल्फेट S2O32–

ऑक्साइड O2–

परॉक्साइड O22–

क्रोमेट CrO42–

डाइक्रोमेट Cr2O72–

ऑक्सैलेट C2O42–

सल्फेट SO42–

फॉस्फेट PO43

ऑर्सेनेट AsO43–

फॉस्फाइट PO33–

आर्सेनाइट AsO33–

बोरेट BO33–

फॉस्फाइड P3–

नाइट्राइड N3–

फेरीसायनाइड [Fe(CN)6]3–

बोराइड B3–

कार्बाइड C4–

फेरोसायनाइड[Fe(CN)6]4–

सिलिकाइड Si4–

पाइरोफॉस्फेट आयन P2O74–

क्वथनांक प्रबल स्थिर वैद्युत आकर्षण बल के कारण अधिक होते हैं। ये धुवीय विलायक जैसे जल में विलय तथा अधुवीय विलायक जैसे कार्बन टेट्रा क्लोराइड, बेंजिन में अविलय होते हैं। ये गलित अवस्था में वैद्युत चालक तथा ठोस अवस्था में कुचालक होते हैं।

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