आवर्त सारणी में गुणों की आवर्तिता (Periodicity in Properties)
- जब आवर्त सारणी में तत्वों को बढ़ते परमाणु क्रमांकों के क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो समान गुणों वाले तत्व निश्चित अन्तराल के बाद पुनरावर्तित होते हैं। इस प्रकार के गुण को आवर्तिता कहते हैं।
आवर्तिता का मुख्य कारण बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की पुनरावृत्ति है।
आवर्ती गुण –
- परमाणु आकार (Atomic Size) – एक वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता है तथा आवर्त में बायें से दायें ओर जाने पर परमाणु आकार कम होता है।
- आयनन विभव (Ionisation Potential) – किसी उदासीन गैसीय परमाणु के बाह्यतम कोश से इलेक्ट्रॉन पृथक करने हेतु आवश्यक ऊर्जा प्रथम आयनन ऊर्जा (विभव) कहलाती है।
वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर इसका मान कम होता है तथा आवर्त में बायें से दायें जाने पर इसका मान बढ़ता है। सर्वाधिक आयनन विभव हिलियम का तथा न्यूनतम सीजियम का होता है।
- विद्युत ऋणता (Electro Negativity) – अणु में किसी परमाणु द्वारा बन्धित इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने की क्षमता को विद्युत ऋणता कहते हैं।
किसी आवर्त में बायें से दायें जाने पर तत्वों की विद्युत ऋणता के मानों में नियमित वृद्धि होती है जबकि एक ही वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर विद्युत ऋणता के मान में कमी होती जाती है। सर्वाधिक विद्युत ऋणता फ्लुओरीन की तथा न्यूनतम विद्युत ऋणता सीजियम की होती है।
- इलेक्ट्रॉन बन्धुता (Electron Affinity) – उदासीन गैसीय परमाणु के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन जोड़ने पर मुक्त हुई ऊर्जा इलेक्ट्रॉन बन्धुता कहलाती है।
एक ही आवर्त में बायें से दायें जाने पर इलेक्ट्रॉन बन्धुता के मान में वृद्धि होती है जबकि एक ही वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर इलेक्ट्रॉन बन्धुता के मान में कमी होती है।
अर्द्धपूरित एवं पूर्ण पूरित कक्षकों का स्थायित्व अधिक होने के कारण अपवाद स्वरूप इलेक्ट्रॉन बन्धुता के मान कम होते हैं। उत्कृष्ट गैसों के इलेक्ट्रॉन बन्धुता के मान शून्य अथवा ऋणात्मक होते हैं। सर्वाधिक इलेक्ट्रॉन बन्धुता क्लोरीन (348.7) , फ्लोरीन (320) की तथा न्यूनतम इलेक्ट्रॉन बन्धुता अक्रिय गैसों की होती है।
धातु
- इलेक्ट्रॉन त्याग कर धन आयन देते हैं। ताप व विद्युत के सूचालक, चमकीले, तन्य (Ductile), आधातवर्ध्य (Malleable) होते हैं। ये कठोर होते हैं। अपवाद स्वरूप पारा द्रव एवं सोडियम, पोटेशियम नरम होते हैं। सोडियम को मिट्टी के तेल में रखा जाता है।
- धातु के ऑक्साइड क्षारीय प्रकृति के होते हैं। धातु अम्लों से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस देते हैं। जैसे- लौहा, तांबा, एल्युमिनियम इत्यादि।
अधातु
- इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके ऋण आयन देते हैं। विभिन्न रंगों के होते हैं। अन्य गुण धातुओं के विपरित होते हैं। जैसे हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, आयोडिन, कार्बन, क्लोरीन इत्यादि।
- ब्रोमीन द्रव अवस्था में पाया जाने वाला एकमात्र अधातु है। फास्फोरस को जल में रखा जाता है।
उपधातु
- जैसे- बोरोन (B), सिलिकन (Si), जर्मेनियम (Ge), आर्सेनिक (As), ऐण्टीमनी, टेलुरियम (Te) पॉलोनियम (Po), ऐस्टेटिन (At)
- हाइड्रोजन–(i) आवर्त सारणी का प्रथम तत्व (ii) सबसे सरलतम तत्व (iii) ब्रह्माण्ड में सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व (iv) न्यूट्रॉन रहित तत्व (v) भविष्य का इऔधन (vi) आवारा तत्व (vii) सर्वाधिक आयनन विभव एवं विशिष्ट ऊष्मा वाला तत्व (viii) सबसे हल्का तत्व (प्रकृति में) (ix) सबसे हल्की गैस (Lightess Gas) (x) जिस तत्व के समस्थानिकों को पृथक् नाम दिये गये।
- नाइट्रोजन – वायुमण्डल में मौजूद सर्वाधिक तत्व।
- ओजोन – वायु में सर्वाधिक निष्क्रिय गैस।
- लीथियम – सबसे हल्की धातु।
- एल्यूमिनियम – पृथ्वी (भूगर्भ) में सर्वाधिक पायी जाने वाली धातु।
- ऑक्सीजन – पृथ्वी में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व, मानव शरीर में सर्वाधिक।
- सिलिकॉन – ऑक्सीजन के पश्चात् सर्वाधिक तत्व।
- Mercury (पारा) – द्रव धातु (केवल यही है)।
- Osmium (ओस्मियम) – सबसे भारी तत्व/धातु।
- Sodium – अत्यन्त क्रियाशील, अतः केरोसिन के तेल में सुरक्षित।
- Neon – Airport पर उतरते वायुयानों को संकेत देने में, विज्ञापनों (चमकिले) में इसी का प्रयोग।
- Florine – सर्वाधिक विद्युत ऋणता वाला तत्व।
- Chlorine – सर्वाधिक इलेक्ट्रॉन बन्धुता वाला तत्व।
- Helium – सबसे हल्की निष्क्रिय गैस।
- टंगस्टन (W.) – सर्वाधिक गलनांक वाली धातु/तत्व।
- मर्करी (पारा) – सबसे कम गलनांक वाली धातु (– 39ºC)।
- टाइटेनियम – रणनीतिक धातु (Strategic metal), Metal fo Future।
- टेक्नीशियम – प्रथम मानव निर्मित तत्व (प्र.क. 43) है।
- स्केन्डियम – सबसे हल्की संक्रमण धातु।
- सीजियम – सबसे बड़ा परमाणु आकार वाला तत्व।