राजस्थान सामान्य ज्ञान : धातु और अधातु

धातुएँ एवं उनके यौगिकों का उपयोग (Metals and Its Compound)

पारा (Hg) –

(i) थर्मामीटर बनाने में

(ii) अमलगम बनाने में

(iii) सिन्दूर बनाने में

सोडियम (Na) –

(i) सोडियम परऑक्साइड बनाने में

सोडियम नाइट्रेट (NaNO2) –

(i) स्वाद के रूप में

(ii) KNO3, HNO3 के निर्माण में

सोडियम नाइट्राइट (NaNO3) –

(i) प्रतिकारक के रूप में

(ii) नाइट्रोजन बनाने में

सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) –

(i) बेकरी उद्योग में

(ii) अग्निशामक यंत्र में

(iii) प्रतिकारक के रूप में

मैग्नीशियम (Mg) –

(i) धातु मिश्रण बनाने में

(ii) फ्लेश बल्ब बनाने में

मैग्नीशियम कार्बोनेट (MgCO3) –

(i) दवा बनाने में

(ii) दन्तमंजन बनाने में

(iii) जिप्सम साल्ट बनाने में

मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO) –

(i) औषधि निर्माण में

(ii) रबर पूरक के रूप में

(iii) बायलरों के प्रयोग में

मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड Mg(OH)2 –

(i) चीनी उद्योग में मोलसिस से चीनी तैयार करने में।

कैल्सियम (Ca) –

(i) पेट्रोलियम से सल्फर हटाने में।

(ii) अवकारक के रूप में।

कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) –

(i) ब्लीचिंग पाउडर बनाने में

कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) –

(i) टूथपेस्ट बनाने में।

(ii) कार्बन डाईऑक्साइड बनाने में

(iii) चूना बनाने में।

जिप्सम (CaSO4.2H2O) –

(i) प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने में।

(ii) अमोनियम सल्फेट बनाने में।

(iii) सीमेण्ट उद्योग में।

(iv) खाद के रूप में।

प्लास्टर ऑफ पेरिस (CaCO4).2H2O –

(i) मूर्ति बनाने में।

(ii) शल्य चिकित्सा में पट्टी बांधने में।

कैल्शियम कार्बाइड (CaC2)–

(i) एसीटिलिन बनाने में

(ii) कैल्शियम सायनाइड बनाने में

ब्लीचिंग पाउडर (CaOCl2)–

(i) कीटाणुनाशक के रूप में

(ii) कागज तथा कपड़ों के विरंजन में

कॉपर (Cu) –

(i) बिजली के तार बनाने में

(ii) पीतल बनाने में

कॉपर सल्फेट या नीला थोथा (CuSO4.5H2O) –

(i) कीटाणुनाशक के रूप में

(ii) विद्युत सेलों में

(iii) कॉपर के शुद्धिकरण में

(iv) रंग बनाने में

क्युप्रिक ऑक्साइड (Cu2O)

(i) पेट्रोलियम के शुद्धिकरण में

(ii) ब्लू तथा ग्रीन काँच के निर्माण में (Cu2O)

क्युप्रस ऑक्साइड (Cu2O) –

(i) लाल काँच के निर्माण में।

(ii) पेस्टिसाइड के रूप में।

क्युप्रिक क्लोराइड (CuCl2 2H2O)

(i) ऑक्सीकरण के रूप में

(ii) जल शुद्धिकरण में।

(iii) धागों की रंगाई में।

क्लोरीन (Cl)

(i) ब्लीचिंग पाउडर बनाने में।

(ii) मस्टर्ड गैस बनाने में।

(iii) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) के निर्माण में।

(iv) कपड़ों एवं कागज को विरंजित करने में।

ब्रोमीन (Br)

(i) रंग उद्योग में

(ii) औषधि बनाने में

(iii) टिंचर गैस बनाने में

(iv) प्रतिकारक के रूप में

आयोडीन (I)

(i) टिंचर आयोडिन बनाने में

(ii) रंग उद्योग में

(iii) कीटाणुनाशक के रूप में

सल्फर (S)

(i) कीटाणुनाशक के रूप में

(ii) रंग उद्योग में

(iii) बारूद बनाने में

(iv) औषधि निर्माण में

फॉस्फोरस (P)

(i) लाल फॉस्फोरस-दियासलाई बनाने में

(ii) श्वेत फॉस्फोरस-चूहे मारने में

(iii) फॉस्फोरस ब्रान्ज बनाने में

हाइड्रोजन (H2)

(i) अमोनिया के उत्पादन में

(ii) कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में

(iii) रॉकेट इऔधन के निर्माण में

हाइड्रोजन परॉक्साइड (H2O2)

(i) ऑक्सीकारक के रूप में

(ii) कीटाणुनाशक के रूप में

(iii) रेशम, ऊन, चमड़े के विरंजन में

(iv) लेड के रंगों में

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