अर्थव्यवस्था –
– जमीदार मीणा कृषि व पशुपालन का कार्य करते हैं।
– चौकीदार मीणा चौकीदारी की जगह अन्य व्यवसाय में संलग्न है। मीणा जनजाति में बंटाईदारी की व्यवस्था प्रचलित हैं। इसमें छोटा बट्ट, हाड़ी बट्ट तथा हासिल बट्ट आदि शामिल हैं।
– वर्तमान में मीणा जनजाति ने खेती के अलावा अन्य व्यवसायों को अधिक अपनाया हैं।
मीणा जनजाति के संबंध में अन्य तथ्य :–
– मीणाओं का उल्लेख मत्स्य पुराण में मिलता हैं।
– राजस्थान की जनजातियों में मीणा जनजाति सर्वाधिक संख्या में पायी जाती हैं।
– कर्नल जेम्स टॉड ने मीणों का मूल स्थान काली खोह पर्वतमाला बतलाया है। यह पर्वतमाला अजमेर से आगरा तक फैली हुई हैं।
– मीणाओं में देवर बट्टा (देवर से) विवाह करने की प्रथा नहीं होती है।
– गोटन :- मीणा जनजाति में मित्र/सहेलियों का समूह।
– प्रसिद्ध लेखक हरबर्ट रिजले ने मीणा जनजाति का संबंध द्रविड़ जाति से बताया है।
– मीणा लोग गोवर्धन पूजा के दिन शस्त्रों का प्रयोग नहीं करते हैं।
– मुख्य नशा – हुक्कापान।
– मेवासे :- आदिवासी मीणों के जंगलों में बने हुए घर।
– ओबरी :- मीणाओं में प्रचलित अनाज रखने की कोठी।
– बढालिया :- मीणा जनजाति में वैवाहिक संबंधों में मध्यस्थता करने वाला मामा – फूफा या अन्य व्यक्ति।
– मीणा जनजाति में मोरनी मांडणा परम्परा का प्रचलन है।
– नयावासी मीणा :- चौकीदार मीणा।
पुरानावासी मीणा :- काश्तकार मीणा।
– ठेढ़िया मीणा :- जालौर क्षेत्र में निवास।
– चौथया मीणा :- मारवाड़ क्षेत्र में निवास।