राज्य पक्षी
- गोड़ावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) इसका वैज्ञानिक भाषा में नाम अर्डियोटिस नाइग्रिसेप्स है। 21 मई, 1981 को ‘राज्य पक्षी’ घोषित किया गया। यह देश का सबसे अधिक दुर्लभ / लुप्तप्राय (विलुप्त होने की कगार पर) पक्षी है, जिसे ‘माल मोरड़ी सोन चिड़िया / गुधनमेर/ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड / हुकना हुकना कहा जाता है। यह जैसलमेर जिले का शुभंकर है। गोडावण का प्रजनन केन्द्र जोधपुर जन्तुआलय और सौरसेन बारां में है।
- गोडावण पक्षी अपने अण्डों के लिए जमीन पर घोंसला बनाते हैं। सेवण घास क्षेत्र में (राष्ट्रीय मरुउद्यान जैसलमेर) गोडावण अण्डे देता है। सौरसेन (बारां) एवं सौंकलिया (अजमेर) भी इस पक्षी के आवास क्षेत्र के रूप में जाने जाते हैं। इसका भोजन तारामीरा है।
राज्य पशु (वन्यजीव श्रेणी)
- चिंकारा – इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘गजेला गजेला‘ कहते हैं। इसे 22 मई, 1981 को ‘राज्य पशु’ घोषित किया गया।
- इसे ‘छोटा हिरण‘ (एन्टीलोप) व चिंकारा कहते हैं, यह सामान्यतः जोधपुर में पाया जाता है और गंगानगर का शुभंकर है।
राज्य पशु (पशुधन श्रेणी)
- ऊँट – इसका वैज्ञानिक नाम ‘कैमेलस ड्रेमेटेरियस‘ है। इसे राजस्थान को पशुधन की श्रेणी में राज्य पशु का दर्जा देने की घोषणा 30 जून, 2014 को की गई। इसकी अधिसूचना 19 सितम्बर, 2014 को जारी की गई। यह रेगिस्तान का जहाज के नाम से प्रसिद्ध है। भारत में सर्वाधिक ऊँट राजस्थान में पाये जाते है। ऊँट के कूबड़ में पायी जाने वाली वसा के कारण यह लम्बे समय तक बिना पानी के रह सकता है।
- राज्य खेल :- बास्केटबॉल इसे सरकार द्वारा 1948 ई. में राज्य – खेल घोषित किया गया।
- राज्य की राजभाषा – हिन्दी
- राज्य का लोकवाद्य – अलगोजा
- राज्य की राजधानी – जयपुर
- राज्य का नृत्य – घूमर नृत्य
- राज्य गीत – ‘केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश …..’
इस गीत को उदयपुर निवासी माँगीबाई ने पहली बार गाया, तो अल्ला जिलाह बाई ने माँड राग में इसे सर्वाधिक बार गाया। - राज्य का शास्त्रीय नृत्य – कत्थक नृत्य
- राज्य कवि – सूर्यमल मिश्रण
- राजस्थान दिवस – 30 मार्च
1965 में भारत-पाक युद्ध में भारत की विजय का प्रतीक विजय स्तम्भ तनोट (जैसमेलर) में स्थापित किया गया।