राजस्थान जीके प्रश्न || अध्याय 14. नाट्य, नृत्य एवं संगीत
106. सुमेलित कीजिए लोक गीत संबंधित क्षेत्र
(अ) मूमल 1. मारवाड़
(ब) ढोलामारु 2. जैसलमेर
(स) बीछूड़ो 3. सिरोही
(द) घुड़ला 4. हाड़ौती
(a) अ-2, ब-3, स-4, द-1
(b) अ-1, ब-2, स-3, द-4
(c) अ-3, ब-4, स-4, द-1
(d) अ-4, ब-3, स-1, द-2
107. ‘इण्डियन म्यूजिक’ नामक पुस्तक लिखी
(a) विलियम जेम्स
(b) टैस्सीटोरी
(c) जेम्स टॉड
(d) पं. विष्णु नारायण भातखंडे
108. करौली क्षेत्र की कुल देवी ‘कैला देवी’ की आराधना में गाए जाने वाले गीत हैं
(a) लांगुरिया (b) हींडो
(c) इंडोणी (d) लावणी
109. उत्तरी मेवाड़ के भीलों का प्रसिद्ध लोकगीत जिसे स्त्री-पुरुष साथ मिलकर गाते हैं?
(a) सूंवटिया (b) पीपली
(c) सुपणा (d) हमसीढ़ो
110. नृत्य के साथ तबले और सारंगी का संगम किस स्वांग में दर्शनीय है
(a) जमराबीज का स्वांग
(b) चीरा स्वांग
(c) मीणियों का स्वांग
(d) खोड्या का स्वांग
111. रासधारी लीला का सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ
(a) बांगड़ क्षेत्र में
(b) वागड़ क्षेत्र में
(c) गोडवाड़ क्षेत्र में
(d) मेवाड़ में क्षेत्र में
112. चौक च्यानणी है
(a) गणेश चतुर्थी पर बालकों द्वारा किया जाने वाला स्वांग
(b) मारवाड़ी डंडियों के स्वांग
(c) उदयपुर में स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला स्वांग
(d) विवाहोत्सव में किया जाने वाला स्वांग
113. निम्न में से असत्य है
(a) मारवाड़ रियासत में ‘न्हाण’ का आयोजन सर्वप्रथम हुआ
(b) सांगोद का ‘न्हाण’ प्रसिद्ध है। न्हाण में ‘चाचा बोहरा’ का स्वांग मुख्य माना जाता है
(c) होलिका की मृत्यु के दस बारह दिन बाद उसका शोक दूर करने की क्रिया का आयोजन ‘न्हाण’ के रूप में होता है
(d) सांगोद में चैत्र कृष्ण तृतीया-चतुर्थी को बाजार का न्हाण तथा चैत्र कृष्ण षष्ठी-सप्तमी को खाड़े के न्हाण की सवारी निकाली जाती है
114. नौटंकी ख्यालों को पेशेवर बनाने का श्रेय प्राप्त है
(a) नत्थाराम को
(b) मुरलीधर हरनारायण को
(c) भुर्रिलाल को
(d) चाचा बोहरा को
115. फतेहपुर निवासी प्रहलादीराम झालीराम पुरोहित ने किस ख्याल की प्रतिष्ठा की?
(a) जयपुरी ख्याल
(b) कुचामणी ख्याल
(c) किशनगढ़ी ख्याल
(d) शेखावटी ख्याल
116. ‘पवाड़े’ हैं
(a) लोकनायकों की वीर रसात्मक लोक गाथाएँ
(b) रोमांच कथात्मक लोक वार्ताएँ
(c) प्रेमकथात्मक लोक कथाएँ
(d) धा£मक कथात्मक लोक कथाएँ
117. सुमेलित कीजिए नृत्य क्षेत्र
(अ) बारूद नृत्य 1. भरतपुर
(ब) नावड़ा नृत्य 2. चौहटन (बाड़मेर)
(स) कानूड़ा नृत्य 3. कोटा
(द) रसिया नृत्य 4. बस्सी
(चित्तौड़गढ)
(a) अ-3, ब-4, स-1, द-2
(b) अ-3, ब-4, स-2, द-1
(c) अ-4, ब-3, स-2, द-1
(d) अ-1, ब-4, स-2, द-3
118. गरासियों का ‘गौर नृत्य’ आयोजित होता है
(a) फाल्गुन शुक्ल दूज
(b) फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी
(c) चैत्र शुक्ल चतुर्थी
(d) चैत्र कृष्ण तीज
119. किसी विरहिणी नायिका द्वारा अनुभूत वियोगजन्य दु:खों का वर्णन करने वाले गीत हैं
(a) लूंबर (b) कामण
(c) बारहमासी (d) गाडुलौ
120. डमरू एवं पिनाक का प्रवर्तक माना जाता है
(a) विष्णु (b) ब्रह्मा
(c) शिव (d) महेश