राजस्थान जीके प्रश्न || अध्याय 14. नाट्य, नृत्य एवं संगीत
31. लोक वाद्य एवं लोक कलाओं को विश्व मंच तक ले जाने का अभूतपूर्व कार्य किया
(a) पद्मश्री कोमल कोठारी
(b) श्री देवीलाल सामर
(c) डॉ. महेन्द्र भागवत
(d) श्रीमती गवरी देवी
32. कौन-सा युग्म असंगत है? नृत्य जाति
(a) रतवई नृत्य मेव
(b) मांदल नृत्य गरासिया
(c) गैर नृत्य भील
(d) शिकारी नृत्य मीणा
33. सुमेलित कीजिए नृत्य क्षेत्र
(अ) ढोल नृत्य 1. भीलवाड़ा
(ब) बिंदौरी नृत्य 2. नाथद्वारा
(स) डांग नृत्य 3. झालावाड़
(द) नाहर नृत्य 4. जालौर
(a) अ-1, ब-2, स-3, द-4
(b) अ-2, ब-3, स-4, द-1
(c) अ-4, ब-3, स-2, द-1
(d) अ-3, ब-4, स-1, द-2
34. विवाह के अवसर पर गणपति स्थापना के पश्चात् रात्रि में गरासिया पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है
(a) जवारा नृत्य (b) मोरिया नृत्य
(c) मांदल नृत्य (d) लूर नृत्य
35. इंडोणी, शंकरिया, पणिहारी, बागड़िया किस जाति के नृत्य हैं?
(a) भवाई (b) गरासिया
(c) कालबेलिया (d) सहरिया
36. दिल्ली घराना के प्रवर्तक कौन थे?
(a) नियामत खाँ (b) रज्जब अली
(c) बन्दे अली खाँ
(d) भानूजी
37. जयपुर के कथक घराना के प्रवर्तक कौन हैं?
(a) भानूजी (b) मियाँ रंगीले
(c) सदारत (d) आलिया-फत्तू
38. राजस्थान के किस शासक ने प्रसिद्ध संगीतज्ञों एवं विद्वानों की मंडली ‘गंधर्व बाइसी’ को अपने दरबार में संरक्षण दिया था?
(a) महाराजा अनूपसिंह
(b) सवाई प्रतापसिंह
(c) मिर्जा राजा जयसिंह
(d) सवाई जयसिंह
39. ‘अमर सिंह राठौड़ रम्मत’ में अमरसिंह का किरदार सर्वप्रथम अभिनीत किया था
(a) जेठमल जी आचार्य
(b) मेघराज जी आचार्य
(c) मोहनलाल जी आचार्य
(d) तेजकवि (गौरीशंकर सेवग)
40. घड़ावण और वलावण संबंधित है
(a) नौटंकी शहजादी से
(b) अमरसिंह राठौड़ री रम्मत से
(c) गवरी लोक नाट्य से
(d) तुर्रा कलंगी ख्याल से
41. कवि तेज की प्रमुख रचना है
(a) आई नाथ अड़तालीसी
(b) स्वराज्य बावनी
(c) राजा जोग भर्तृहरि का खेल
(d) उपर्युक्त सभी
42. सुंदरी लूणांदे का संबंध किस लोकनाट्य से है?
(a) सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र
(b) भक्त पूरणमल
(c) मीरा मंगल
(d) जम्बू कुमार
43. ‘भँवरा दानव’, ‘बडल्या-हींदवा’ खेतूड़ी’ रोई माछला प्रसंग किससे संबंधित है?
(a) जोगी रो स्वांग
(b) दरजी रो स्वांग
(c) कन्हैया ख्याल
(d) गवरी लोकनाट्य
44. जवाहरलाल पुरोहित द्वारा शुरू किया गया हेडाऊ मेरी की रम्मत के मुख्य वाद्य हैं
(a) नगाड़ा एवं ढोलक
(b) शहनाई
(c) नक्कारा एवं चंग
(d) सारंगी-ढपली
45. राजस्थान में तुर्रा-कलंगी लोक नाट्यों का प्रचलन प्रारंभ हुआ
(a) उदयपुर (b) बाँसवाड़ा
(c) चित्तौड़गढ़ (d) डूँगरपुर