Rajasthan GK || Indian Polity and Economy || गरीबी एवं बेरोजगारी

  1. कौशल विकास –क्षेत्र विशेष में रोजगार सुविधाएं उपलब्ध करवाना जैसे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए महानरेगा, महात्मा गांधी (National Rural Employment Garntee Act) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम विश्व का सबसे बड़ा रोजगार कानून है जिसमें सबसे अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। संसद में 2005 में नरेगा अधिनियम पारित हुआ जब कि इसे भारत में सबसे पहले 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर के मदलापल्लजी गांव से शुरू किया गया। राजस्थान में इसकी शुरूआत उदयपुर से हुई इसमें एक ग्रामीण व्यक्ति। परिवार एक साल में 100 दिन रोजगार दिया जा रहा है इसमें राशि का आंवटन 90:10 है। 2013-14 राजस्थान बजट में इसे अतिरिक्त 50 दिन और बढ़ाया गया है जिसका खर्चा पूरी तरह से राज्य सरकार वहन करेगी। वर्तमान केन्द्रीय बजट 2016-17 में बजट में मनरेगा को 38,500 करोड़ आवंटित किये गये। यह नरेगा के लिए सबसे बडा बजट है। महात्मा गांधी शब्द 2009 में जोडा। 
  2. मनरेगा के आलोचना के मुख्य कारण है उपचार बताइए-
  • 1 अप्रैल 1999 को पहले से चली आ रही 6 योजनाओं को मिलाकर स्वर्ण जियंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY)  चलाई गई। जिसे वर्तमान में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में बदल दिया गया।
  1. यह सब्सिडी/PDS में सुधार –सरकार द्वारा नागरिकों को जो लागत में छूट दी जाती है उसे सब्सिडी कहते हैं।

 (साधन लागत + अप्रत्यक्ष कर – सब्सिडी = बाजार लागत)

  • सब्सिडी दो प्रकार की होती है 1. प्रत्यक्ष सब्सिडी – नकद में दी जाये UPA सरकार के कार्यकाल में 1 जनवरी, 2013 को DBT (Direct Benifit Tranfer) योजना को लागू किया गया। जिसका उद्देश्य लाभार्थी को सब्सिडी का पैसा सीधा उसके बैंक खाते में नकद रूप से देना ताकि बिचौलियों की भूमिका कम की जा सके तथा PDS में सुधार किया जा सके। इस योजना का नारा – आपका का पैसा आपके हाथ शुरूआती चरण में इसे 20 जिलों में लागू किया जिसमें राजस्थान के तीन जिले शामिल (अजमेर, अलवर व उदयपुर) NDA सरकार ने इसे नये सिरे से लागू किया जैसे 2014-15 के बजट में रसोई गैस में DBT तथा 2016-17 के बजट में उर्वरको में DBT मोदी सरकार ने 1 जनवरी 2015, को रसोई गैस में DBT के लिए पहल योजना तथा वर्तमान में इसे BPL लोगों को सस्ती सुविधाएं देने के लिए 1 मई, 2016 से उज्ज्वला योजना के रूप में लागू किया। मुख्यतः मेरिट सब्सिडी तीन प्रकार की वस्तुओ पर दी जाती है- 1. खाद्य सब्सिडी 2. उर्वरक सब्सिड़ी 3. पेट्रोलियम सब्सिडी D.P. बांधवा कमेटी के अनुसार राजस्थान PDS व्यवस्था दोषपूर्ण है। इसके मुख्य कारण निम्न है। 1. भ्रष्टाचार अधिक है 2. लोक सेवकों में सत्यनिष्टता की कमी 3. शासन में पारदर्शिता व जवाब देहिता का अभाव 4. लोगों में सामाजिक व वित्तीय जागरूकता की कमी है अर्थात् अधिकतम लोग अभी भी सरकारी योजना के बारे में नहीं जानते है। 5. बिचौलियों की भूमिका अधिक है।
  • FCI (Food carporation of India) – 1965 में स्थापना। उद्देश्य – 1. PDS को खाद्यान उपलब्ध कराना। 2. खाद्यानों का Bufor stock रखना 3. उचित भण्डारण 4. उचित वितरण 1997 में सरकार ने PDS में सुधार के लिए उसे लक्ष्य आधारित बनाने का प्रयास किया। (PDS – TPDS (Target PDS).
  • फ्लेगशिप कार्यक्रम और योजनाएं – संविधान के भाग 4 में अनु. 38 39 कल्याणकारी राज्य की स्थापना की बात करता है अर्थात् भारत के सभी लोगों के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए सरकार द्वारा जारी कार्यक्रम योजनाएं, फ्लेगशिप योजनाएं कहलाती है। जिनका उद्देश्य ऐसे लोग जो मुख्य धारा में शामिल नहीं है उन्हें मुख्य धारा से जोड़ना ताकि भारत में आर्थिक और सामाजिक न्याय की स्थापना हो। भारत का पहला फ्लेगशिप कार्यक्रम 2 अक्टूबर, 1952 में पं. नेहरू द्वारा लागू सामुदायिक विकास कार्यक्रम।

 

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