Rajasthan GK || Indian Polity and Economy || कार्यपालिका (EXECUTIVE)

महाभियोग (अनुच्छेद-61)-

  • राष्ट्रपति को संविधान के उल्लंघन (Violation of Constitution) के आरोप में उनके विरोध में महाभियोग प्रस्ताव (Impeachment Motion) लाया जा सकता है।
  • महाभियोग, संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता  है।
  • जिस भी सदन में महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाता है, उसके 1/4 सदस्य इसके प्रस्तावक होने चाहिए तथा राष्ट्रपति को इस प्रस्ताव की सूचना 14 दिन पहले दी जानी चाहिए।
  • जिस सदन में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाता है, वह उस पर विचार करता है, जबकि दूसरा सदन इसकी जाँच करता है और राष्ट्रपति अपना पक्ष स्वयं अथवा महाधिवक्ता के माध्यम से रखवा सकता है।
  • जिस सदन में प्रस्ताव किया गया हो, उस सदन की कुल सदस्य संख्या के 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित होने पर इसे दूसरे सदन को भेजा जाएगा। यदि दूसरा सदन भी अन्वेषण (जाँच) करने के पश्चात् इस प्रस्ताव को अपने कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से पारित कर दे, तो इस प्रस्ताव के जाँच करने वाले सदन द्वारा पारित करने की तारीख से राष्ट्रपति का पद रिक्त माना जाऐगा।
  • महाभियोग, एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है।
  • महाभियोग प्रस्ताव, सिर्फ राष्ट्रपति के लिए एवं अन्य के लिए हटाना (Removal) शब्द का प्रयोग किया जाता है।
  • महाभियोग प्रस्ताव में मनोनीत सदस्य भी मतदान कर सकते हैं।
  • भारत में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति के विरूद्ध में महाभियोग प्रस्ताव नहीं लाया गया है।

राष्ट्रपति की अनुपस्थिति-

  • यदि किसी कारणवश राष्ट्रपति अनुपस्थित है, तो उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के कार्य़ों को करते हैं। यदि उपराष्ट्रपति भी उपलब्ध नहीं हैं, तो भारत के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं। यदि भारत के मुख्य न्यायाधीश भी उपलब्ध नहीं हैं, तो उच्चतम न्यायालय का वरिष्ठतम न्यायाधीश, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा। ऐसा संसदीय विधि के द्वारा निर्मित किया गया है।

उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित

विवाद-

अनुच्छेद-71-

  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सभी विवादों का समाधान उच्चतम न्यायालय के द्वारा किया जाएगा।
  • यदि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव को उच्चतम न्यायालय ने अवैध करार दिया, तब इनके द्वारा पहले संपादित किए गए कार्य अवैध नहीं माने जाएंगे।
  • राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के चुनाव की वैधता पर इस कारण कोई प्रश्न नहीं उठाया जाएगा, कि निर्वाचन मंडल में स्थान रिक्त था। (11वें संशोधन)
  • उपराष्ट्रपति, राज्यसभा का पदेन सभापति होगा। (अनुच्छेद-64)

राष्ट्रपति की शक्तियाँ कार्यपालिकीय शक्तियाँ-

  • संघ सरकार की समूची कार्यपालिकीय शक्तियों का प्रधान, राष्ट्रपति होता है। (अनुच्छेद-53)
  • प्रधानमंत्री के साथ ही अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह से होगी। (अनुच्छेद-75 (1))
  • मंत्री, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत कार्य करते हैं। (अनुच्छेद-75 (2))
  • राष्ट्रपति, मंत्रियों को तीसरी अनुसूची के अनुसार पद और गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं। (अनुच्छेद-75 (4))
  • भारत सरकार के सभी कार्य राष्ट्रपति के नाम से किए जाते हैं।
  • राष्ट्रपति, निम्नलिखित पदाधिकारियों की नियुक्ति करता है-

(i) प्रधानमंत्री की नियुक्ति एवं प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रियों की नियुक्ति।

(ii) भारत का महान्यायवादी।

(iii) भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक।

(iv) मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्त।

(v) संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष  सदस्य।

(vi) राज्यों के राज्यपाल।

(vii) वित्त आयोग के अध्यक्ष  सदस्य।

(viii) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग आयोग की नियुक्ति।

(ix) केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों की नियुक्ति।

(x) अंतर्राज्यीय परिषद् की नियुक्ति।

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