सिंचाई परियोजनाएँ
राजस्थान में सिंचित क्षेत्र निम्न प्रकार से हैं :-
सिंचित क्षेत्रफल %
कुओं द्वारा – 69.88 सर्वाधिक सिंचाई – जयपुर
नहरों द्वारा – 28.86 सर्वाधिक सिंचाई – गंगानगर
तालाब व अन्य साधनों द्वारा – 1.26 भीलवाड़ा में।
- सिंचाई परियोजनाएं तीन प्रकार की होती हैं- (i) वृहद् स्तर (ii) मध्यम स्तर (iii) लघु स्तर।
- बहुउद्देशीय– वह परियोजना, जिसके अनेक उद्देश्यों जैसे- पेयजल विद्युत, सिंचाई एवं अन्य कार्य़ों हेतु जल उपलब्ध होता है।
- वृहद्– वह परियोजना, जिसमें कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 10 हजार हैक्टेयर से अधिक हो।
- मध्यम– वह परियोजना, जिसमें कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 2 हजार से अधिक तथा 10 हजार हैक्टेयर तक हो।
- लघु– वह परियोजना, जिसमें कृषि योग्य कमाण्ड क्षेत्र 2 हजार हैक्टेयर तक हो।
IGNP (राजस्थान नहर) :
- 1948 में बिकानेर रियासत में पानी की आवश्यकता विषय पर कंवरसैन ने IGNP की रूपरेखा बनाई।
- उद्घाटन- 31 मार्च, 1958 में गृहमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने किया।
- प्रारूप (रूपरेखा)– राजस्थान फीडर हरिके बैराज (सतलज व्यास संगम) से मसीता वाली (हनुमानगढ़) तक है। इसकी कुल लम्बाई 204 किमी. है।
- यह पंजाब-हरियाणा में 170 किमी. तथा राजस्थान में 34 किमी. है।
- मुख्य नहर : इसके दो भाग हैं- (i) प्रथम भाग- मसीतावाली (हनुमानगढ़) से पूंगल, छतरगढ़ (बीकानेर) तक। इसकी लम्बाई 189 किमी. है।
(ii) द्वितीय भाग- पूंगल, छतरगढ़ से मोहनगढ़ (जैसलमेर) तक आता है। इसकी लम्बाई 256 किमी. है।
- अतः मुख्य नहर की लम्बाई 189 + 256 = 445 किमी. है तथा Ignp की कुल लम्बाई 649 किमी. है।
- IGNP के निर्माण के प्रथम चरण का कार्य 1958 से जून, 1975 तक चला जिसमें राजस्थान फीडर तथा मुख्य नहर का प्रथम भाग तथा प्रथम लिफ्ट (बीकानेर लूणकरणसर लिफ्ट नहर- बीकानेर) कैनाल बनी।
- यह बीकानेर तथा गंगानगर को सींचती है। 1989 में इसका नाम बदलकर ‘कंवरसेन लिफ्ट नहर‘ रख दिया।
- प्रथम चरण :1986 में पूरा तथा 1 जनवरी, 1987 को पानी मोहनगढ़ पहुंचा।
- 2 नवम्बर, 1984 को इसका नाम बदलकर IGNP रखा गया। इसकी 9 शाखाएं हैं इन शाखाओं में से रावतसर (हनुमानगढ़) शाखा पूर्व की तरफ है तथा शेष सभी पश्चिम की ओर है।
- शाखाएँ : (i) रावतसर शाखा- हनुमानगढ़ (नहर के बांयी तरफ) (ii) सूरतगढ़ शाखा-गंगानगर (iii) अनूपगढ़ शाखा-गंगानगर (iv) पूगल शाखा-बीकानेर (v) दन्तौर शाखा-बीकानेर (vi) बिरसलपुर शाखा-बीकानेर (vii) चारणवाला शाखा- बीकानेर-जैसलमेर (viii) शहीद बीरबल शाखा- जैसलमेर (ix) सागरमलगोपा शाखा-जैसलमेर।
- IGNP की उप शाखाएँ : (i) लीलवा ‘दीघाह‘ (मोहनगढ़ से निकलती है)
(ii) गड़रारोड़ उपशाखा (सागरमल गोपा शाखा से निकलती है) – इसका नाम पहले बरकतुल्ला खां तथा अब बाबा रामदेव रखा गया है।
- द्वितीय चरण : इसमें 6 लिफ्ट नहर बनाई गई।
- वर्तमान में सबसे बड़ी लिफ्ट नहर – बीकानेर में लूणकरणसर।
- परियोजना में सबसे बड़ी लिफ्ट नहर (प्रस्तावित) – गंधेली-साहवा।