कृषि जलवायु प्रदेश
कृषि प्रदेशों का निर्धारण तकनीकी विषय है। अनेक कृषि वैज्ञानिकों व कृषि भूगोलविदों ने फसलों के प्रारूप, शस्य संयोजन, उत्पादकता, जल की उपलब्धता, कृषि पद्धति आदि के आधार पर कृषि प्रदेशों का निर्धारण किया है। इसी आधार पर राजस्थान को 10 कृषि जलवायु प्रदेशों में बाँटा गया है :-
प्रदेश | शामिल जिले | विशेषता |
शुष्क मैदानी पश्चिमी क्षेत्र (I-A) | जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर का कुछ हिस्सा | * विस्तार :- 124.37 लाख हैक्टेयर बालुका स्तूपों की प्रधानता। मिट्टी :- बारीक बलुई दोमट से मोटी रेतीली तक वर्षा :- 200 से 370 मि.मी. उच्च तापमान व ग्रीष्म काल में धूलभरी आँधियाँ चलती हैं। फसलें :- बाजरा, ग्वार, मोठ, मूंग आदि। क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा कृषि जलवायु प्रदेश |
सिंचित उत्तरी – पश्चिमी मैदान (I-B) | गंगानगर व हनुमानगढ़ | चिकनी दोमट मृदा व लवणीयता युक्त वर्षा :- 100-350 मि.मी. फसलें :- कपास, गन्ना, गेहूँ, जौ, सरसों, चना राजस्थान का 10.67% क्षेत्र शामिल। कुछ भागों में “सेम समस्या का प्रभाव’ |
सिंचित मैदानी उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र (I-C) | जैसलमेर, बीकानेर और चूरू | मरुस्थलीय मृदा वर्षा :- 100-350 मि.मी. फसलें :- बाजरा, ग्वार, दालें, गेहूँ, जौ, चना सीमित सिंचाई सुविधा |
अन्त: प्रवाह शुष्क प्रदेश (II-A) | नागौर, झुंझुनूं, सीकर | मृदा :- रेतीली, चूना युक्त एवं उथली लाल मृदा वर्षा :- 300-500 मि.मी. उच्च तापमान, अन्त:स्थलीय जलोत्सरण का क्षेत्र फसलें :- बाजरा, तिल, मोठ, मूंगफली, गेहूँ, जौ, चना, तारामीरा |
लूणी नदी का अंतरवर्ती मैदानी क्षेत्र (II-B) | जालौर, पाली, सिरोही व पूर्वी जोधपुर | मृदा :- लाल मरुस्थली मृदा, चिरोजम मृदा वर्षा :- 300-500 मि.मी. कुओं द्वारा सिंचाई फसलें :- बाजरा, मक्का, तिल, मोठ, मूंग, गेहूँ, सरसों, चना। जीरा एवं इसबगोल के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध |
अर्द्धशुष्क पूर्वी मैदान (III-A) | अजमेर, जयपुर, दौसा, टोंक | मृदा :- चिरोजम एवं चूनी मृदा वर्षा :- 500-700 मि.मी. फसलें :- बाजरा, मूंग, चौला, मूंगफली, ग्वार, ज्वार, गेहूँ, चना, मटर, सरसों, तारामीरा, बेर, अमरूद, आँवला, नींबू, अनार व सब्जियों की कृषि भी की जाती है। |
बाढ़ प्रवण पूर्वी मैदान (III-B) | अलवर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर | मृदा :- जलोढ़ मृदा व कच्छारी मृदा वर्षा :- 500-700 मि.मी. सामान्य तापमान। बीहड़ों की अधिकता। फसलें :- बाजरा, अरहर, मूंगफली, ज्वार, मक्का, गेहूँ, जौ, सरसों, चना, तारामीरा, सौंफ |
अर्द्ध-आर्द्र दक्षिणी मैदान (IV-A) | राजसमन्द, भीलवाड़ा, चित्तौड़ | मृदा :- जलोढ़ व पर्वत पदीय मृदा वर्षा :- 500 से 900 मि.मी. ग्रीष्म व शीत ऋतु में सामान्य तापमान फसलें :- मक्का, ज्वार, मूंगफली, कपास, उड़द, अरहर, गेहूँ, जौ, धनिया आदि |
आर्द्र दक्षिणी मैदान (IV-B) | डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, उदयपुर, प्रतापगढ़ | मृदा :- लाल पर्वतीय मृदा कुओं, तालाब से सिंचाई (चूना युक्त) वर्षा :- 500-1100 मि.मी. फसलें :- मक्का, धान, कपास, ज्वार, बाजरा, मूंग, गेहूँ, जौ, धनिया, जीरा, चना फल :- नींबू, पपीता, केला, टमाटर |
आर्द्र दक्षिणी-पूर्वी मैदान (V) | कोटा, बूँदी, झालावाड़, बारां | मृदा :- दोमट एवं काली मृदा वर्षा :- 650 से 1100 मि. मी. शीतकाल – सामान्य व ग्रीष्म तापमान 45° C तक फसलें :- चावल, ज्वार, मक्का, गन्ना, कपास, सोयाबीन, अफीम, अरहर, अलसी आदि। |