राजस्थान सामान्य ज्ञान : राजस्थान की जनजातियाँ

राज्य की जनजातियाँ

आदिवासी या जनजाति – ये लोग सभ्यता के प्रभाव से वंचित रहकर अपने प्राकृतिक वातावरण के अनुसार जीवन यापन करते हुए अपनी भाषा, संस्कृति, रहन-सहन आदि को संरक्षित किए हुए हैं।

– राजस्थान भारत के 6 जनजाति बहुल राज्यों में से एक हैं। राजस्थान का समूचा दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र एवं दक्षिणी पूर्वी पठारी क्षेत्र का कुछ भाग जनजाति बहुल क्षेत्र हैं। यहाँ मुख्यत: भील, मीणा, गरासिया, सहरिया, डामोर, कथौड़ी आदि जनजातियाँ निवास करती हैं।

– भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत अनुसूचित जातियाँ व अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजातियाँ अधिसूचित की गई हैं। राजस्थान में 12 प्रकार की जनजातियाँ अधिसूचित हैं।

– जनगणना 2011 के अनुसार राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1.22 करोड़ (कुल जनसंख्या का 17.83%) हैं।

– राज्य में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या :- 92.38 लाख। (कुल जनसंख्या का 13.48%)

– राज्य में उदयपुर जिला जनजातियों की दृष्टि से सबसे महत्त्वपूर्ण जिला हैं।

– राजस्थान का भारत में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या की दृष्टि से 6 वां स्थान हैं।

क्र. सं.जनजाति विवरणअनुसूचित जाति (2011)अनुसूचित जनजाति (2011)
1.भारत में कुल SC/ST जनसंख्या201.37 करोड़104.28 करोड़
2.भारत की जनसंख्या से अनुपात16.63%8.08%
3.देश में सर्वाधिक आबादी वाला जिलाउत्तरप्रदेशमध्यप्रदेश
4.देश में सर्वाधिक अनुपात वाला जिलापंजाबमिजोरम
5.राजस्थान में SC/ST जनसंख्या1.22 करोड़92.38 लाख
6.राज्य की जनसंख्या से SC/ST अनुपात17.83%13.48%
7.राज्य का अनुपात की दृष्टि से देश में स्थान8वाँ13वाँ
8.राज्य में SC/ST सर्वाधिक आबादी वाले जिले1. जयपुर

2. गंगानगर

1. उदयपुर

2. बाँसवाड़ा

9.राज्य में सर्वाधिक SC/ST अनुपात वाले जिले1. श्रीगंगानगर

2. हनुमानगढ़

1. बाँसवाड़ा

2. डूँगरपुर

10.राज्य में न्यूनतम SC/ST आबादी वाले जिले1. डूँगरपुर

2. प्रतापगढ़

1. बीकानेर

2. नागौर

11.राज्य में न्यूनतम SC/ST अनुपात वाले जिले1. डूंगरपुर

2. बाँसवाड़ा

1. नागौर

2. बीकानेर

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