राजस्थान सामान्य ज्ञान : मानव रोग (Human Diseas)

मानव रोग (Human Diseas)

रोगों के प्रकार

  1. जन्मजात रोग: होठ का फटना, विदीर्णतालु, Cleft-palate।
  2. संक्रामक रोग: यह हानिकारक सूक्ष्म जीवों के कारण होता है। उदाहरण- जीवाणु, विषाणु, कवक एवं प्रोटोजोआ।
  3. असंक्रामक रोग: मधुमेह, जोड़ो का दर्द, कैंसर तथा हृदय रोग इत्यादि।

संक्रामक जीवाणु जनित रोग

  • हैजा (Cholera)– विव्रिओ कालेरी नामक जीवाणु से। लक्षण- उल्टी एवं दस्त होना। उपचार- हैजे का टीका।
  • मोतीझरा (Typhoid) या मियादी बुखार: कारक- सालमोनेला टावफी। संक्रमण- प्रदूषित जल, रोगी के मल-मूत्र एवं थूक के द्वारा फैलता है।

लक्षण- सिर दर्द, शरीर पर लाल दाने। उपचार- टायफाइड का टीका एवं क्लोरोमाइसीटीन वर्ग की एन्टीबायोटिक।

  • तपेदिक/क्षय रोग/यक्ष्मा (B.) : कारक- माइकोबैक्टिरिया ट्यूबकुलोसिस। संक्रमण- रोगी के थूंक, खांसी, छींक से अथवा वायु प्रदूषण द्वारा। लक्षण- हल्का ज्वर तथा खांसी एवं खांसी के साथ खून आना। उपचार- स्ट्रेप्टोमाइसीन (इंजेक्शन), बच्चों को B.C.G. (बैसिलस काल्मेट ग्वारीन) का टीका।
  • प्लेग: कारक- यरसीनिया पेस्टिस। संक्रमण- चूहे के पिस्सुओ द्वारा। लक्षण-तेज बुखार, R.B.C. नष्ट हो जाती है। उपचार- सल्फाड्रग्स एवं स्ट्रेप्टोमाइसीन का सेवन/चूहों को भगाने के लिए जिंक फॉस्फेट, B.M.C. का छिड्काव करना चाहिए।
  • डिप्थीरिया या रोहिणी: कारक- कोरोनी बैक्टीरियम डिप्थीरी। संक्रमण- खाने की वस्तुओं द्वारा। लक्षण- गले में एक सफेद झिल्ली बन जाती है जिससे श्वास लेने में कठिनाई होती है। उपचार- P.T. का टीका, एन्टीसीरम का इंजेक्शन।
  • कोढ़ या कुष्ठ रोग (Leprosy) : कारक- माइकोबैक्टीरियम लेप्री। संक्रमण- निकट तथा लम्बे स्पर्श सम्बन्ध से। लक्षण- संवेदनशीलता समाप्त (प्रभावित अंग की), रंगहीन धब्बे। उपचार- D.T. (Multi Drugs Therapy) दवा, सल्फा ड्रग्स का प्रयोग।
  • टिटनेस: कारक- क्लोस्ट्रीडियम टिटेली। संक्रमण- जीवाणु, धूल, गोबर आदि से घाव के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं। रोगाणु जंग लगे लोहे या घोड़े की लीद में पाए जाते हैं।

लक्षण- तीव्र बुखार के कारण पूरा शरीर धनुष के आकार में तन जाता है इसलिए इस रोग को धनुषटंकार भी कहते हैं।

उपचार- पेनीसीलीन टीका या A.T.S. का इन्जेक्शन, बच्चों में D.P.T. का टिका लगाना चाहिए।

  • काली खाँसी (Whooping Cough) : कारक- हीमोफिलस परटूसिस। संक्रमण- हवा द्वारा। लक्षण- लगातार खांसी आना, मुख्यतः बच्चों में गले व फेफड़ों का रोग है। उपचार- DPT का टिका।
  • सिफिलिस, गानोरिया जीवाणु जनित लैंगिक रोग हैं।
  • निमोनिया जीवाणु जनित श्वसन सम्बन्धी रोग है।
  • मेनिनजाइटस जीवाणु जनित रोग है जिसमें मस्तिष्क के ऊपर की झिल्लियों में सूजन आ जाती है।
  • बॉटयूलिज्म या भोजन विषाक्तता, क्लोस्ट्रीडियम बाटयूलिनम जीवाणु से होने वाला रोग है जिसमें तंत्रिका तंत्र व श्वसन तंत्र प्रभावित होता है।

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