– दूसरी सबसे ऊँची चोटी–सेर (माउण्ट आबू, सिरोही-1597 मीटर)।
– तीसरी सबसे ऊँची चोटी–दिलवाड़ा (सिरोही-1442 मीटर)।
– चौथी सबसे ऊँची चोटी–जरगा (उदयपुर-1431 मीटर)।
- उत्तरी अरावली क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी–रघुनाथगढ़, सीकर (1055 मीटर)।
– उत्तरी अरावली क्षेत्र में, जयपुर, अलवर तथा शेखावटी क्षेत्र की पहाड़ियाँ आती है।
– भैंराच (अलवर) व उत्तरी अरावली की अन्य प्रमुख चोटियाँ हैं।
- मध्य अरावली क्षेत्र या मेरवाड़ पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी–नाग पहाड़, अजमेर (873 मीटर) जबकि तारागढ़ 878 मी. ऊंची है।मध्यवर्ती अरावली प्रदेश की औसत ऊंचाई:- 550 मीटर
- अरावली पर्वतमाला का सर्वाधिक व न्यूनतम विस्तार क्रमशः उदयपुर, अजमेर जिलों में है।
दर्रे या नाल
- मध्यवर्ती अरावली पर्वतीय श्रेणी में स्थित दर्रे या तंग पहाड़ी मार्ग को नाल कहा जाता है।
- जीलवा की नाल (पगल्या नाल) –यह मारवाड़ से मेवाड़ को जोड़ता है।
- सोमेश्वर की नाल –यह देसूरी (पाली) से उत्तर की ओर स्थित है।
- हाथीगुड़ा की नाल – यह देसूरी (पाली) से दक्षिण की ओर स्थित है।
- बर(पाली) दर्रे से होकर मध्यकाल में जोधपुर से आगरा का रास्ता व अब राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-14 ब्यावर से कांडला) गुजरता है।
- अरावली पर्वतमाला में स्थित अन्य दर्रे–दिवेर,कच्छवाली, सरूपाघाट।
- परवेरिया, शिवपुरा, सुराघाट, कचबाली, रूपाघाट, पीपली दर्रा – अजमेर
- कामलीघाट, हाथीगुड़ा, गोरमघाट, जीलवा पगल्या , दिवेर की नाल – राजसमन्द
- चीरवा की नाल, केवड़ा की नाल, फुलवारी की नाल, देबारी, हाथीदर्रा, सुराघाट :- उदयपुर
- देसूरी नाल , साेमेश्वर नाल, बर – पाली
- दूढ़िमल का दर्रा – रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान
- कुशाली घाट – स. माधोपुर।
पठार
- उड़िया पठारराज्य का सबसे ऊँचा पठार है, जो गुरु शिखर से 160 मीटर नीचे स्थित है। अतः उड़िया पठार की ऊँचाई 1722 – 160 = 1562 मीटर है।
- आबू का पठार – यह राजस्थान का दूसरा ऊँचा पठार है।
- भोंराठ का पठार – उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में गोगुन्दा व कुंभलगढ़ के मध्य स्थित अरावली पर्वत शृंखला का क्षेत्रभोंराठ का पठार कहलाता है। औसत ऊंचाई- 1225 मीटर।
-भोराट पठार के पूर्व में दक्षिणी सिरे का पर्वत स्कन्ध अरब सागर व बंगाल की खाड़ी के बीच एक जल विभाजक का कार्य करता है।
- मेसा पठार – इस पर चित्तौड़गढ़ का किला स्थित है। 620 मी. ऊंचा
- लसाड़िया का पठार –उदयपुर में जयसमंद से आगे उत्तर पूर्व की ओर विच्छेदित व कटाफटा पठार।
- उपरमाल पठार –चित्तौड़गढ़ के भैंसरोड़गढ़ से बिजोलिया भीलवाड़ा के बीच का पठारी भाग तक।
- भोमट का पठार – मेवाड़ (उदयपुर) के दक्षिण पश्चिम भाग में।
अरावली पर्वतीय प्रदेश से सम्बन्धित शब्दावलियाँ –
- भाखर – पूर्वी सिरोही में तीव्र ढाल व ऊबड़-खाबड़ कटक (पहाड़ियाँ) हैं जो स्थानीय भाषा में भाखर नाम से जानी जाती है।
- गिरवा – उदयपुर जिले के आस-पास पहाड़ी से गिरा तश्तरीनुमा क्षेत्र ‘गिरवा‘ कहलाता है।
- मगरा – उदयपुर का उत्तर पश्चिमी पर्वतीय भाग जहाँ जरगा पर्वत स्थित है, मगरा कहलाता है।
- जरगा–रागा – उदयपुर के पश्चिमी क्षेत्रों में स्थित पहाड़ियाँ जिनका उत्तरी भाग जरगा व दक्षिणी भाग रागा कहलाता है।
- देशहरो – उदयपुर में जरगा और रागा के पहाड़ी के मध्य का क्षेत्र देशहरो कहलाता है।
- पीडमान्ट मैदान – अरावली श्रेणी में देवगढ़ के समीप स्थित पृथक् निर्जन पहाड़ियां जिनके उच्च भू-भाग टीलेनुमा है, कहलाते हैं।
अन्य पहाड़ियां – छप्पन की पहाड़िया – बाड़मेर
- सीकर जिले की पहाड़ियों का स्थानीय नाम मालखेत की पहाड़ियाँ हैं।
- जैसलमेर का किला त्रिकूट पहाड़ी पर है।
- जोधपुर का किला चिड़िया टूँक की पहाड़ी पर स्थित है।
- मारवाड़ के मैदान को मेवाड़ के उच्च पठार से अलग करने वाली पर्वत श्रेणी ‘मेरवाड़ा की पहाड़ियाँ‘ है, जो टॉडगढ़ के समीप अजमेर जिले में स्थित।
- मध्य अरावली क्षेत्र के अन्तर्गत शेखावटी निम्न पहाड़ियाँ एवं मेरवाड़ पहाड़ियाँ आती है।
- अरावली पर्वतमाला के मध्यवर्ती भाग में सर्वाधिक अन्तराल (Gaps) विद्यमान है।
- घाटी में बसा हुआ नगर – अजमेर।
- भरतपुर क्षेत्र की पहाड़ियों में सबसे ऊँची चोटी अलीपुर है।
- अरावली पर्वत शृंखला लूनी और बनास नदी प्रणाली द्वारा बीच से विभाजित है।
- आकृति एवं संरचना की दृष्टि से अरावली पर्वत शृंखला की तुलना संयुक्त राज्य अमेरिका की अपलेशियन पर्वत शृंखला से की जाती है।
- अरावली पर्वत शृंखलाओं की सर्वाधिक ऊँची पहाड़ियाँ गोगुंदा एवं कुम्भलगढ़ के बीच स्थित है।
- सुण्डा पर्वत जालौर में स्थित है।
- अरावली की मुख्य श्रेणी क्वार्टजाइट चट्टानों में निर्मित।
- दक्षिण अरावली में गुरुशिखर सेर, जरगा, अचलगढ़, कुम्भलगढ़, धोनिया, लीलागढ़ जैसी पर्वत चौटियां है।
- इसराना भाखर, रोजा भाखर, झारोलां भाखर जालौर में है।
- चम्बल के बीहड़ व कन्दराएं प्रमुख विशेषता है।