राजस्थान के भौतिक प्रदेश
- संरचना की दृष्टि से राजस्थान के भौतिक स्वरूप भारत के प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र व उत्तर का विशाल मैदान के अन्तर्गत आते हैं।
- राजस्थान को चार भौतिक विभागों में बांटा गया है–
- उत्तर पश्चिमी रेगिस्तानी भाग
- मध्यवर्ती अरावली पर्वतीयप्रदेश
- पूर्वी मैदान क्षेत्र
- दक्षिणी पूर्वी पठार
क्र.सं | प्रदेश (%) | स्वरूप (%) | जनसंख्या (%) |
1. | 61.1 | 58 | 40 |
2. | 9% | 9.3 | 10 |
3. | 23% | 23.3 | 39 |
4. | 6.89% | 9.3 | 11 |
1.उत्तर पश्चिमी रेगिस्तानी भाग
- राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 61.11% भाग उ.प. रेगिस्तानी भाग है। इसमें से 58% भाग पर पूर्णतः मरूस्थल है। 1,75000 किमी2 पर विस्तृत है।
- यह प्रदेश उत्र-पश्चिम से दक्षिण- पूर्व में 640 km लम्बा एवं पू. – प. में 300 km. चौड़ा है।
- यह भू- भाग टेथिस सागर का अवशेष है।
- क्षेत्र–जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर, जालौर, चूरू, सीकर, झुंझुनूँ तथा पाली का पश्चिमी भाग।
- जनसंख्या–राज्य की लगभग 40%।
- वर्षा– 20 सेमी. से 50 सेमी.।
- तापमान– गर्मियों में उच्चतम 49º से.ग्रे. तथा सर्दियों में – 3º से.ग्रे।
- जलवायु–शुष्क व अत्यधिक विषम।
- मिट्टी–रेतीली बलुई।
- यह प्रदेश उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व में 640 किमी लम्बा एवं पश्चिम पूर्व में 300 किमी चौड़ा है।
- इस प्रदेश का ढाल उत्तर-पूर्व से द.-प. की और हैं।
- अरावली का वृष्टि छाया प्रदेश होने के कारण दक्षिण पश्चिमी मानसून व बंगाल की खाड़ी का मानसून सामान्यतः यहाँ वर्षा बहुत कम करता है। अतः वर्षा का वार्षिक औसत 20-50 सेमी. रहता है।
- राष्ट्रीय कृषि आयोग ने अरावली शृंखला के पश्चिम व उत्तर पश्चिम में राज्य के 12 जिलों को रेगिस्तानी घोषित किया है-
(1) जैसलमेर (2) बाड़मेर (3) जोधपुर (4) बीकानेर (5) गंगानगर (6) हनुमानगढ़ (7) नागौर (8) जालौर (9) चूरू (10) सीकर (11) झुंझुनूँ (12) पाली का पश्चिमी भाग।
- भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल थार का मरुस्थल है। जो ‘ग्रेट पेलियोआर्कटिक अफ्रीका मरूस्थल’ का पूर्वी भाग है।
- रेतीले शुष्क मैदान तथा पूर्व में 50 सेमी. व पश्चिम में 25 सेमी. वार्षिक वर्षा द्वारा सीमांकित किया गया क्षेत्र पश्चिमी रेतीला मैदान भौतिक विभाग के उपविभाग है।
- उत्तर पश्चिमी रेगिस्तानी भाग को दो भागों में विभाजित किया गया है-