रावल रतनसिंह (1301-1303 ई.)
- यह समरसिंह का पुत्र था जो 1301 ई. में शासक बना।
- 1303 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय लड़ते हुए शहीद, पत्नी पद्मिनी का जौहर, सेनापति गोरा-बादल (चाचा – भतीजा) का बलिदान। गोरा पद्मिनी का चाचा तथा बादल भाई था।
- यह चित्तौड़ का प्रथम साका (राजपूतों का बलिदान एवं राजपूत महिलाओsं का सामुहिक जौहर) था।
- अलाउद्दीन ने चित्तौड़ का नाम खिज्राबाद रखा व अपने पुत्र खिज्र खां को वहाँ का शासक बनाया।
- चित्तौड़गढ़ के किले में पद्मिनी पैलेस, गौरा बादल महल, नौ गंजा पीर की दरगाह व कालिका माता का मन्दिर, कुम्भा द्वारा निर्मित विजय स्तम्भ, जीजा द्वारा जैन कीर्ति स्तम्भ, मोकल द्वारा पुनः निर्माण कराया गया। समिद्धेश्वर मन्दिर (त्रिभुवन नारायण) मीरां मन्दिर आदि दर्शनीय है।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग में बाघसिंह की छतरी, जयमल पत्ता की छतरी, वीर कल्ला राठौड़ की छतरी (चार हाथों वाले देवता, शेषनाग का अवतार) मीरां के गुरू संत रैदास की छतरी, जौहर स्थल।
- चैत्र कृष्ण एकादशी को जौहर मेला चित्तौड़गढ़ में लगता है।
- 1313 के बाद सोनगरा चौहान मालदेव को अलाउद्दीन ने चित्तौड़ का प्रशासन सौंपा।
- मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा शेरशाह सूरी के समय मसनवी शैली में रचित अवधी भाषा के प्रसिद्ध ग्रन्थ पद्मावत में रतनसिंह व पद्मिनी की प्रेम कथा का उल्लेख है।
- पद्मावत को कुछ इतिहासकार जैसे ओझा, कानूनगो, लाल आदि कल्पना पर आधारित मानते हैं।
- पद्मिनी का प्रिय तोता – हीरामन (राय जाति का तोता, जो वर्तमान में दर्रा अभ्यारण्य, कोटा एवं गागरोण में पाया जाता है)।
- रावल रतनसिंह का विद्वान पण्डित – राघव चेतन (इसने रतनसिंह द्वारा देश निकाला दे दिये जाने पर अलाउद्दीन खिलजी के दरबार में शरण ली)।
- इस युद्ध (1303 ई. ) में इतिहासकार अमीर खुसरो उपस्थित था।
- रतनसिंह गुहिलों की रावल शाखा का अंतिम शासक था।
राणा हम्मीर (1326-64 ई.)
- अरिसिंह का पुत्र।
- गुहिल वंश की एक शाखा सिसोदा का सामन्त, जिसने मालदेव सोनगरा (जालौर) के पुत्र जैसा (जयसिंह) को पराजित कर चित्तौड़ जीता।
- सिसोदिया वंश का संस्थापक (1326 ई. में)।
- प्रथम राणा शासक।
- मेवाड़ के उद्धारक राजा के रूप में प्रसिद्ध।
- उपाधियां – वीर राजा (रसिक प्रिया में उल्लिखित) व विषमघाटी पंचानन (कीर्ति स्तम्भ प्रशस्ति में उल्लिखित)।
- हम्मीर व मुहम्मद बिन तुगलक के बीच सिंगोली नामक स्थान पर युद्ध हुआ।
राणा क्षेत्रसिंह (राणा खेता) (1364-82 ई.)
- राणा हम्मीर का पुत्र। इसने बुंदी को अपने अधीन किया।
राणा लक्षसिंह (राणा लाखा) (1382-1421 ई.)
- राणा खेता का पुत्र, वृद्धावस्था में मारवाड़ के शासक राव चूँड़ा राठौड़ की पुत्री व रणमल की बहिन हंसा बाई के साथ विवाह।
- राणा लाखा के काल में एक बनजारे ने पिछौला झील का निर्माण कराया।
- राणा लाखा ने ‘झोटिंग भट्ट‘ एवं ‘धनेश्वर भट्ट‘ जैसे विद्वान पंडितों को राज्याश्रय दिया।
- राणा लाखा के काल में मगरा जिले के जावर गाँव में चाँदी की खान खोज निकाली, जिसमें चाँदी और सीसा बहुत निकलने लगा। कुँवर चूड़ा व राणा मोकल इसके पुत्र थे।