उदयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल –
(a) पिछोला झील –
- इस झील का निर्माण महाराणा लाखा के शासनकाल (1382-1421 ई.) में एक बंजारे द्वारा करवाया गया था।
- इस झील के बीच में बनाये गए श्वेत/धवल जगनिवास व जगमंदिर महल मंदिर की प्राकृतिक छटा अनुपम है।
(b) राजमहल –
- यह पिछोला झील के किनारे स्थित राजस्थान का सबसे विशाल महल है।
- इसमें महाराणा उदयसिंह द्वारा निर्मित राज आंगन इन महलों का सबसे प्राचीन भाग है।
- इस महल में प्रताप संग्रहालय भी स्थित है।
(c) जगनिवास (लैक पैलेस) –
- यह पिछोला झील के बीच में स्थित महल है, जिसे पर्यटकों के लिए होटल के रूप में परिवर्तित किया गया है।
(d) जग मंदिर (लैक गार्डन पैलेस) –
- यहाँ पर शहजादा खुर्रम (शाहजहाँ) को तत्कालीन महाराजा जयसिंह ने शरण दी थी।
- खुर्रम को यहीं से ताजमहल बनाने की प्रेरणा मिली थी।
(e) सहेलियों की बाड़ी –
- यह फतेह सागर झील के किनारे स्थित है।
- यहाँ पर प्रतिवर्ष श्रावण कृष्ण अमावस्या को “हरियाली अमावस्या’ नामक मेला लगता है।
(f) जगदीश मंदिर –
- इसका निर्माण महाराजा जगतसिंह प्रथम ने 1651 ई. में करवाया था।
- यहाँ पर भगवान विष्णु की काले संगमरमर की चतुर्भुज मूर्ति स्थित है।
(g) माेती मगरी –
- यह फतेह सागर झील के किनारे की पहाड़ी पर निर्मित मोती मगरी पर महाराणा प्रताप की कांस्य मिश्रित धातु की प्रतिमा दर्शनीय है।
(h) फतेह सागर –
- जयपुर में स्थित यह झील तीनों ओर से पहाड़ियों से घिरी हुई है।
(i) गुलाब बाग/सज्जन निवास बाग –
- इसका निर्माण महाराजा सज्जन सिंह ने करवाया था।
- यहाँ पर स्थित गुलाब के फूलों के कारण इसे गुलाब बाग कहा जाता है।
- इसेवाणी विलास के नाम से भी जाना जाता है।
(j) जगत का मंदिर(राजस्थान का खजुराहो) –
- यह उदयपुर के जगत नामक ग्राम में स्थित है।
- यहाँ पर 10वीं शताब्दी का अम्बिका देवी का भव्य मंदिर स्थित है।
- इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है।
(k) हल्दीघाटी –
- यह ऐतिहासिक युद्धस्थली नाथद्वारा के पश्चिम में स्थित है।
- यहाँ पर महाराणा प्रताप ने 18 जून, 1576 ई. में मानसिंह के नेतृत्त्व वाली अकबर की सेना से युद्ध किया था।
- इसे भारत की थर्मोपोली के नाम से भी जाना जाता है।
(l) एकलिंग जी का मंदिर –
- यह नाथद्वारा-उदयपुर मार्ग पर स्थित सफेद पत्थरों से निर्मित है।
- यहाँ पर भगवान शिव की काले संगमरमर से निर्मित विशाल मूर्ति आकर्षक है।
(m) श्रीनाथ द्वारा –
- यह उदयपुर में स्थित वैष्णवों का सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थान है।
- यहाँ पर जन्माष्टमी व अन्नकूट के अवसर पर श्रद्धालू आते हैं।
(n) कुम्भलगढ़ –
- इस दुर्ग का निर्माण 1448 ई. में महाराणा कुम्भा ने करवाया था।
- महाराणा प्रताप ने भी यहाँ से शासन किया था।
(o) रणकपुर के जैन मंदिर –
- ये मंदिर रणकपुर के छोटे से गाँव में स्थित है।
- यहाँ का चौमुखा मंदिर रणकपुर के मंदिरों में सर्वप्रमुख है।
- यहाँ प्रथम तीर्थंकर “आदिनाथ’ की मूर्ति स्थापित है, जिसका निर्माण 1439 ई. में महाराणा कुम्भा के राज्यकाल के दौरान “धरण शाह’ नामक ओसवाल जैन महाजन ने करवाया था।
- चित्तौड़गढ़–
- यह अपने ऐतिहासिक दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है, जो राजपूतों के बलिदान और जौहर के लिए प्रसिद्ध है।