राजस्थान सामान्य ज्ञान : पर्यटन एवं पर्यटन स्थल

 

 

पर्यटन विभाग द्वारा किये गये प्रयास :-

  • पर्यटन विभाग द्वाराद ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार इसका आयोजन 19-21 अपैल, 2015 तक जयपुर में किया गया।
  • आमेर महलमें 21 फरवरी, 2015 से शाम 7 बजे से 10 बजे तक नाइट टूरिज्म की व्यवस्था की गई है। यह देश का पहला स्मारक होगा जहाँ नाइट टूरिज्म प्रारम्भ किया गया है। पुरातत्व विभाग के मुताबिक ताजमहल सिर्फ पूर्णिमा पर रात में खुलता है तथा उड़ीसा का कोणार्क मंदिर इसके अतिरिक्त देश में किसी भी अन्य स्मारक पर रात के समय पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं है।
  • नाइट जंगल सफारीःराजस्थान के नेशनल पार्क और अभयारण्यों में अब सफारी और नाइट टैकिंग भी हो सकेगी। वन विभाग ने इको टयूरिज्म बढ़ाने के लिए नेशनल  पार्क और अभयारण्यों के बीच निम्न जगहें विकसित की है-
  • भीलवाड़ा का मीनाल-हमीरगढ़ अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ का बस्सी और सीतामाता अभयारण्य, अजमेर का पंचकुंड अभयारण्य, जोधपुर का गुढा विश्नोई अभयारण्य, जालौर का सुंडामाता अभयारण्य, चित्तौड़गढ़ में भैंसरोडगढ़ तथा कोटा में मुकुंदरा हिल्स अभयारण्य आदि है।

विरासत संरक्षण योजना :-2004-05 में प्रारम्भ।

  • राज्य सरकार 36 शहरों के लिए विरासत संरक्षण व सौंदर्यन की 300 करोड़ की योजना तैयार कर रही है। इसमें निम्न शहर शामिल होंगे-
  • अजमेर, पुष्कर, अलवर, बाँदीकुई, बाँसवाड़ा, भरतपुर, बीकानेर, बूँदी, छबड़ा, चित्तौड़गढ़, चौमूं, चूरू, रतननगर, डीग, डूँगरपुर, फतेहपुर, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड-झालरापाटन, जोबनेर, जोधपुर, झुँझुनूं, करौली, खेतड़ी, कामां, कोटा, कुम्भलगढ़, मंडावा, मेड़तासिटी, नाथद्वारा, नवलगढ़, पीलीबंगा, सांभर, सीकर, उदयपुर व सवाई माधोपुर आदि है।
  • विभाग द्वारा राज्य में फिल्म पर्यटन को प्रोत्साहन हेतु राजस्थान फिल्म शूटिंग रेगुलेशन-2016 में संशोधन दिनांक 22 जून 2016 को जारी किया गया है। संशोधित राजस्थान फिल्म शूटिंग रेगुलेशन-2016 के अन्तर्गत फिल्म निर्माताओं को रु. 50 लाख की प्रतिभूति जमा, प्रतिदिन रु.15000 का प्रोसेसिंग शुल्क और रु. 1000 के आवेदन शुल्क से छूट प्रदान की गई है।
  • फिल्म शूटिंग  की अनुमति हेतु जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक एवं सम्बन्धित विभागों के जिलेवार नोडल अधिकारी नियुक्त गए हैं।
  • वर्ष 2016-17 में पर्यटन विभाग द्वारा राज्य में दिसम्बर 2016 तक कुल 91 पर्यटन इकाई परियोजनाऍ अनुमादित की गई है, जिसमें कुल रु. 1650 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।
  • स्वदेश दर्शन योजनान्तर्गत कृष्णा सर्किट हेतु रु. 45 करोड़ की परियोजना स्वीकृत की जा चुकी है। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने फूड क्राफ्ट संस्थान, बारां एवं धौलपुर तथा होटल प्रबन्धन संस्थान, झालावाड़ और सवाई माधोपुर की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की है।
  • पर्यटकों की सुविधाओं हेतु 40 पर्यटक स्थलों/स्मारकों एवं मेले-त्यौहार के वर्चुअल ट्यूर बनवाए गए हैं, इन सभी को वैबसाइट पर उपलब्ध करा दिया गया है। विभाग द्वारा अप्रैल 2016 से दिसम्बर, 2016 तक 27 मेले-त्यौहार का आयोजन किया गया।
  • पर्यटन विभाग द्वारा नई पहल के रूप में जयपुर मेंअन्तर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी महोत्सव, उदयपुर में विश्व संगीत समारोह, पुष्कर में धार्मिक संगीत समारोह तथा राजस्थान समारोह एवं राजस्थान दिवस (30 मार्च) का आयोजन जयपुर में करवाया गया।
  • राज्य में शीत महोत्सव, माउण्टआबू एवं पुष्कर मेला-पुष्कर (अजमेर) का सार्वजनिक-निजी सहभागिता से सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
  • आकर्षक विपणन नीतियों के अन्तर्गत विविध आयामी मीडिया प्लान 4 दिसम्बर, 2016 से प्रारम्भ कर दिया गया है। इस मीडिया प्लान में प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रोनिक एवं डिजीटल मीडिया, मल्टीप्लेक्स सिनेमा आदि के आकर्षक विज्ञापनों को प्रदर्शित किया जा रहा है।
  • इसके अतिरिक्त विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु थिम्पू (भूटान) में आयोजित माउण्टेन इकोज लिटरेरी फेस्टिवल एवं लन्दन में आयोजित वर्ल्ड ट्रेवल मार्केट में भाग लेकर राजस्थान पर्यटन का प्रचार-प्रसार किया गया।
  • पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ाने हेतु इस विभाग द्वारा रिसर्जेन्ट राजस्थान, 2015 के दौरान रु. 10,442 करोड़ की निवेश राशि के 221 एम.ओ.यू. किए गए, जिसमें 40,000 से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार प्रस्तावित है।
  • राजस्थान मेंसर्वाधिक विदेशी पर्यटक फ्रांस से आते हैं दूसरा स्थान जर्मनी का तथा तीसरा स्थान इटली का है। पर्यटक नवम्बर माह में सर्वाधिक आते हैं।
  • RTDC(Raj. Turism Development Corp.) की स्थापना 1979 में की गई तथा 1989 मेंमोहम्मदयुनुस समिति की सिफारिशों के आधार पर पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया।
  • राजस्थान में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक जयपुर परिपथ में आते हैं। इसका प्रमुख कारण जयपुर का भारत के प्रमुख पर्यटक परिपथस्वर्णिम त्रिकोण पर अवस्थित होना है।
  • स्वर्ण नगरी जैसलमेर के सोनार किले को भारत सरकार और वर्ल्ड मोन्यूमेंट संस्था (अमेरिका) के साथ हुए अनुबंध के तहत सोनार किले के संरक्षण के लिए वर्ष 1984 के दौरान तैयार की गई योजना को मूंजरी मिल गई है।
  • महाराणा प्रताप संग्रहालय-हल्दीघाटी (राजसमंद) में प्रताप की 406वीं पुण्य तिथि पर इस संग्रहालय का उद्घाटन किया गया। इसके योजनाकार माहन श्रीमाली हैं।
  • राज्य में सर्वाधिक देशी पर्यटक अजमेर में तथा विदेशी पर्यटक जयपुर में आते है।
  • राजस्थाल राज्य होटल निगम लिमिटेड- 1965 में स्थापित।
  • भारतीय पर्यटन वित्त निगम लिमिटेड(ITDC) – 1989 में कम्पनी अधिनियम के अंतर्गत इस निगम की स्थापना की गई।
  • राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड(RTDC) – पर्यटकों को आवास, भोजन, यातायात आदि सुविधायें उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1 अप्रेल, 1979 को इसकी स्थापना की गई।
  • राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एवं ट्रेवल मैनेजमेंट(RITTMAN)– इसकी स्थापना पर्यटन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी हेतु जयपुर में 29 अक्टूबर, 1996 को की गई। स्वायतशामी संस्थान।
  • पर्यटक सहायता बल या पर्यटन पुलिस-राज्य में पर्यटकों की सुरक्षा, सहयोग व सहायता हेतु पर्यटन पुलिस योजना 1 अगस्त, 2000 से जयपुर (आमेर व जंतर-मंतर) में प्रारम्भ की गई। राजस्थान देश का पहला राज्य है जहाँ पर्यटन पुलिस तैनात की गई है।
  • हाथी गाँव-आमेर (जयपुर) के निकट कुण्डाग्राम में नेशनल हाइवे-8 पर हाथियों को प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराने व पर्यटकों का आकर्षित करने हेतु हाथी गाँव बसाने का कार्य शुरू किया गया है।
  • पैलेस ऑन व्हील्स-राज्य के राजसी ठाठ-बाट सहित विशेष सुविधाओं से युक्त पैलेस ऑन व्हील्स नामक शाही रेलगाड़ी का शुभारम्भ वर्ष 1982 में किया गया।
  • रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स – 11 जनवरी 2009।
  • फेयरी क्वीन-शेखावटी की कलात्मक हवेलियों की देशी-विदेशी पर्यटकों को सैर कराने हेतु उत्तरी-पश्चिमी रेलवे द्वारा मीटर गेज पर भारत के सबसे पुराने भाप के इंजन से चलने वाली 2003 में प्रारम्भ की गई पर्यटन रेलगाड़ी।
  • 1 अगस्त, 2010 को यूनेस्को के द्वारा घोषित सात स्थलों में जंतर-मंतर, जयपुर भी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। जो प्रदेश का पहला एस्ट्रोलॉजिकल मॉन्यूमेंट (सौर वैधशाला) है।
  • मार्च 2011 में देवस्थान विभाग के द्वारा मेला प्राधिकरण का गठन किया गया।

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