राजस्थान सामान्य ज्ञान : पर्यटन एवं पर्यटन स्थल

पर्यटन

  • पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान न सिर्फ भारत, अपितु विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपना विशिष्ट स्थान रखता है।
  • यहां देशी-विदेशी पर्यटकों हेतु अनेक आकर्षण के केन्द्र हैं। राज्य में पर्यटन के विशेष आकर्षण के केन्द्र शाही रेलगाड़ी जैसे पैलेस ऑन व्हील्स एवं रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स, किले, महल एवं हवेलियां, मेले एवं त्यौहार, ऐतिहासिक अतीत एवं शौर्य, पराक्रम व वीरता की गाथाएं,हस्तकलाएं, लोक संस्कृति, हैरिटेज होटल, एडवेन्चर ट्यूरिज्म, ग्रामीण एवं ईको ट्यूरिज्म, धार्मिक पर्यटन एवं मंदिरों की स्थापत्य कला, लोक संगीत एवं शास्त्रीय संगीत, नृत्य इत्यादि हैं।
  • पर्यटन से रोजगार एवं राजस्व में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से वृद्धि होती है। साथ ही बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का अर्जन तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है।
  • पर्यटन उद्योग के रूप में तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग बन चुका है।
  • पर्यटन विश्व में सबसे बड़े उद्योग के रूप में उभरा है, जिसकी वृद्धि दर भी सर्वाधिक है। अन्य आर्थिक सेक्टरों की तुलना में पर्यटन में निवेश से सर्वाधिक प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार सृजित होता है।
  • प्रदेश के आर्थिक विकास में पर्यटन के महत्त्व को देखते हुये राज्य सरकार ने पर्यटन विकास एवं पर्यटन को विकसित करने की दिशा में अनेक कारगर कदम उठाये हैं।
  • राजस्थान में पर्यटन को व्यावसायिक स्वरूप दिया जा रहा है। वर्तमान में देश में आने वाला हर तीसरा पर्यटन राजस्थान आता है।
  • राजस्थान में पर्यटन के विकास हेतु 1956 में पर्यटन विभाग एक स्वतंत्र विभाग के रूप में कार्यरत है।
  • राजस्थान टुरिज्म का पहला लोगों:-ढोलामारू (1978)
  • राजस्थान टूरिज्म का लोगों (प्रतीक चिन्ह):- पधारों म्हारे देश (पहले- ना जाने क्या दिख जाए)
  • पधारों म्हारे देश लोगों को 1993 में ललित के पंवार द्वारा लांच कया गया।
  • पर्यटन विभाग के नियंत्रण में दो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम क्रमशः राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड एवं राजस्थान राज्य होटल निगम लिमिटेड तथा एक स्वायत्त संस्थान ‘राजस्थान पर्यटन और यात्रा प्रबन्ध संस्थान (रिटमैन)’ कार्यरत है।
  • 2019 में (मार्च तक) 128.94 लाख पर्यटको ने (25 लाख विदेशी )ने राजस्थान भ्र्मण किया।
  • वर्ष 2018 में राज्य में 90 लाखपर्यटक (जिसमें 17.15 लाख विदेशी) पर्यटको ने राजस्थान भ्रमण किया।

राजस्थान में पर्यटन विकास के विभिन्न प्रयास :-

  • पुष्कर रोप-वे का शुभारम्भःमुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 3 मई, 2016 को पुष्कर में रोप-वे का शुभारंभ किया।
  • यह रोप-वे ट्रेक 700 मीटर लंबा है। इससे महज 6 मिनट में सावित्री मंदिर पहुँचा जा सकेगा।
  • यह रोप-वे कोलकाता की दामोदर रोप-वे इंफ्रा लिमिटेड कम्पनी द्वारा निर्मित किया गया है।
  • राजस्थान का पहला राेप-वे-: सुंधा माता (जालौर) 2006 में लम्बा 800 मीटर।

पर्यटन इकाई नीति-2015

  • मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने 4 जून, 2016 को नई दिल्ली में आयोजित एम्बेसडर्स राउंड-टेबल कॉन्फ्रेंस में नई राजस्थान पर्यटन इकाई नीति-2015 जारी की।

उल्लेखनीय बिन्दु :-

  • इस नीति में पर्यटन क्षेत्र की विभिन्न इकाईयों को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है जिनमें अब होटल, मोटेल, हैरिटेज होटल, बजट होटल, रेस्टोरेन्ट, केम्पिंग साइट, माइस/कन्वेंशन सेंटर, स्पोर्ट्स रिसोर्ट, रिसोर्ट, हैल्थ रिसोर्ट, एम्यूजमेंट पार्क, एनिमल सफारी पार्क, रोप वे, ट्यूरिज्म लग्जरी कोच, केरावेन एवं क्रूज पर्यटन सम्मिलित है।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन पर्यटन इकाईयों का भूमि सम्परिवर्तन निःशुल्क होगा।
  • नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान हैरिटेज सम्पत्तियों एवं हैरिटेज होटलों को भू-सम्परिवर्तन शुल्क से मुक्त किया गया है।
  • हैरिटेज होटलों को पट्टा जारी करने के लिए पात्र माना जाएगा।
  • सभी पर्यटन इकाईयाँ अपने लिए मानव संसाधन प्रशिक्षित करने हेतु राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के अन्तर्गत रोजगार से जुड़े कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षण संस्थान के अनुमोदन के लिए पात्र होंगी।
  • सिंधु दर्शन यात्रा योजनाःलद्दाख स्थित सिंधु दर्शन यात्रा योजना 2015-16 में लागू की गई। इसके तहत तीर्थ यात्रा पर जाने वाले प्रदेश के 200 तीर्थ यात्रियों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत सिंधु दर्शन सहायता राशि दी जायेगी।
  • प्रसाद और हृदय योजनाःधार्मिक यात्रा के कायाकल्प और आध्यात्मिक सुदृढ़ीकरण और हेरीटेज सिटी के विकास के लिए केन्द्र सरकार ने निम्न दो नई योजनाएँ ‘प्रसाद’ और ‘हृदय’ योजना बनाई है-
  • प्रसाद योजना-(तीर्थस्थल पुनरोद्धार व आध्यात्मिक परिवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन-National Mission on Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual Augmentatiojn Drive)।
  • केन्द्र सरकार द्वारा यह योजना 9 मार्च, 2015 को लांच की गई। इसके तहत प्रारम्भिक रूप से 12 शहर-अजमेर, अमृतसर, अमरावती, द्वारिका, गया, काँचीपुरम, केदारनाथ, कामख्या, मथुरा, पुरी, वाराणसी व वेल्लांकनी में विकास कार्य किए जाएँगे।
  • हृदय योजना :-यह विरासत नगरों की विशिष्टताओं के संरक्षण ओर परिरक्षण के लिए ‘राष्ट्रीय विरासत नगर विकास और संवर्द्धन योजना’ (HRIDAY-National Heritage Development & Augmentation Yojana) है। इस योजना को 22 जनवरी, 2015 को लाँच किया गया।
  • यह योजना वाराणसी, अमृतसर, वारंगल, अजमेर, गया, मथुरा, काँचीपुरम, वेल्लांकनी, अमरावती, बादामी, द्वारिका व पुरी में लागू होगी।
  • स्वदेश दर्शन योजना :-विशिष्ट थीमों पर आधारित पर्यटन सर्किटों के एकीकृत विकास की योजना जो 9 मार्च, 2015 को लांच की गई। 13 सर्किट चिहिन्त।
  • स्वदेश दर्शन योजना के तहत भारत सरकार ने 30 सितम्बर, 2015 को सांभर लेक टाउन के विकास को स्वीकृति दी है।
  • क‌ृष्णा सर्किट -: श्रीनाथजी (नाथद्वारा),गोविन्द देव जी (जयपुर) कनक व‌ृन्दावन(जयपुर) चरण मंदिर (जयपुर) गलताजी (जयपुर) खाटूश्याम जी (सीकर)।

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