राजस्थान में सड़क विकास हेतु किए जा रहे प्रयास या विभिन्न
परियोजनाएँ
- सड़कों के विकास, संचालन, सुरक्षा एवं राजमार्गो तथा सलंग्न भूमियों के नियमन हेतु राजस्थान राज्यमार्ग अधिनियम 2014, 8 मई, 2015 से लागू किया गया।
- राजस्थान स्टेट हाईवेज ऑथोरिटी (SHAR) :- का गठन दिनांक 2 जून, 2015 को किया गया।
- मलेशिया सरकार द्वारा रिसर्जेन्ट राजस्थान के दौरान दिनांक 19 नवम्बर, 2015 को राजमार्गें के विकास हेतु मलेशियन कम्पनियों के माध्यम से 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का करार हुआ है। उक्त निवेश से लगभग 4000 किमी. लम्बाई की सड़कों का विकास किया जाना प्रस्तावित है।
ग्रामीण गौरव पथ योजना :-
- वर्ष 2014-15 में ‘ग्रामीण गौरव पथ योजना’ प्रारंभ की गई है।
- इस योजना के तहत आगामी तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी. की सड़क ‘ग्रामीण गौरव पथ’ के रूप में मय नाली निर्माण विकसित किया जाना है।
- प्रथम चरण में 2154 पंचायत मुख्यालयों का चयन कर 2119 किमी. लम्बाई के ‘ग्रामीण गौरव पथ’ का निर्माण किया जा रहा है।
राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण परियोजना (RRSMP)
- वर्ष 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह नवीन परियोजना प्रारम्भ की गई थी।
- इसके अन्तर्गत 2001 की जनगणना के अनुसार सामान्य क्षेत्र में 250 से 499 आबादी के सभी राजस्व गाँवों को सड़कों से जोड़ा जाना है।
- इस परियोजना की अनुमानित लागत 1362 करोड़ रुपये है।
- 2 जनवरी, 2014 को परियोजना का अनुबंध किया गया है।
जन–निजी सहभागिता (पीपीपी) पद्धति से सड़कों के विकास की
नीति :–
- भारत सरकार द्वारा ऐसे राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों एवं मुख्य सड़कों जिन पर कि तुलनात्मक रूप से यातायात का दबाव कम है, के विकास हेतु जन-निजी सहभागिता (PPP) कार्यक्रम के अन्तर्गत नई नीति प्रतिपादित की गई है।
- इस नीति के अनुसार परियोजना की कुल लागत की अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वीजीएफ (बाईबिलिटी गेप फण्ड) के रूप में वहन की जायेगी तथा लागत के अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि राज्य सरकार द्वारा आपरेशन मेंटीनेन्स सहायता O & M Support के रूप में दी जा सकेगी।
- राष्ट्रीय राजमार्गों के मामलों में 40 प्रतिशत तक की राशि भारत सरकार द्वारा वहन की जायेगी।
- पीपीपी आधार पर राज्य मार्गों पर विकास :- 20 हजार किमी. लम्बाई के राज्य राज मार्गों का विकास पीपीपी आधार पर किये जाने की योजना के तहत प्रथम चरण में 8910 किमी. लम्बाई के 132 मार्गों के चयन कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
- अधिकांश सड़कों का विकास पीपीपी-एन्यूटी पद्धति पर किया जायेगा।
- इस हेतु 50 प्रतिशत राशि का प्रबन्ध राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक, एशियन विकास बैंक से किया जायेगा।