राजस्थान में बंजर भूमि के अंतर्गत क्षेत्रफल :- 38.95 लाख हैक्टेयर (11.37%)
राजस्थान में शुद्ध बोया गया क्षेत्रफल :- 180.24 लाख हैक्टेयर (52.60%)
- कृषि वर्ष :- जुलाई – जून।
- राजस्थान में 2015-16 में कृषि जोतों का औसत आकार 2.73 हैक्टेयर है जो सन् 2010-11 में कृषि जोतों का औसत आकार 3.07 हैक्टेयर था। (11.07% की कमी)।
- 2015-16 में राजस्थान में क्रियाशील कृषि जोतों की संख्या :-76.55 लाख।
- राजस्थान में सीमान्त जोत (40.12%), लघु जोत (21.90%), अर्द्ध मध्यम (18.50%), मध्यम (14.79%), बड़े आकार की जोत (4.69%) हैं।
- राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई कुओं एवं नलकूपों से होती हैं। राज्य में कुओं एवं नलकूपों से सर्वाधिक सिंचाई जयपुर में तथा तालाबों से सर्वाधिक सिंचाई भीलवाड़ा में होती है।
- राजस्थान में अनाज में गेहूँ का, तिलहन फसलों में राई व सरसों का तथा दालों में चने का सर्वाधिक उत्पादन होता है।
- राजस्थान में कुल कृषित क्षेत्रफल सर्वाधिक बाड़मेर जिले में तथा न्यूनतम राजसमन्द जिले में है।
- राजस्थान को 10 कृषि जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया गया हैं।
- बेर के पेड़ पर लाख के कीड़े एवं शहतूत के पेड़ पर रेशम के कीड़े पाले जाते हैं।
- राजस्थान का नागपुर :- झालावाड़ (संतरे के अधिक उत्पादन के कारण)
- राज्य का पहला स्पाईस पार्क :- रामगंज मण्डी (कोटा)।
- ICAR द्वारा केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र उद्यानिकी अनुसंधान केन्द्र बीछवाल (बीकानेर) में स्थापित किया गया है।
- वाटर मैनेजमेन्ट पार्क :- पदमपुर (श्रीगंगानगर)।
- किन्नू मण्डी :- श्रीगंगानगर
- एशिया का सबसे बड़ा कृषि केन्द्र :- सूरतगढ़ में।
- अन्तर्राष्ट्रीय उद्यानिकी नवाचार एवं प्रशिक्षण केन्द्र :- जयपुर में। इस केन्द्र की स्थापना नीदरलैंड के सहयोग से की जा रही है।
- राजस्थान की प्रथम कृषि नीति :- 26 जून, 2013
- राजस्थान राज्य भण्डारण निगम की स्थापना :- 30 दिसम्बर, 1957 को।
- प्रथम कृषि विज्ञान केन्द्र :- फतेहपुर (सीकर) में 1976 में स्थापना।
- राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना 12 जुलाई, 1982 को की गई।
- राष्ट्रीय महिला किसान दिवस :-15 अक्टूबर।
- विश्व खाद्य दिवस :- 16 अक्टूबर।
- किसान दिवस :- 23 दिसम्बर।
- ज्वार फसल को “ऊँट की फसल’ और “गरीब की रोटी’ कहा जाता है।
- बाजरे का जन्म स्थान “अफ्रीका’ को माना जाता है।
- धान के खेतों से मीथेन गैस का उत्सर्जन होता है।
- दलहनी फसलों में सर्वाधिक सूखा सहन करने वाली फसल :- मोठ।
- राजस्थान का राजकोट :- लूणकरणसर (बीकानेर)। (मूंगफली उत्पादन के कारण)
- गोचनी/बेझड़ :-गेहूँ, चना एवं जौ का मिश्रण।
- इण्डिया मिक्स :- गेहूँ, मक्का व सोयाबीन के मिश्रण का आटा।
- अंकुरित चने में विटामिन C पाया जाता है।
- सरसों के तेल में तीखेपन का कारण :-इरुसिक अम्ल।
- भारत में अनुमोदित पहली जी. एम. फसल :- कपास
- गन्ना मूल रूप में भारतीय पौधा है।
- ठण्डी खाद :-गाय एवं सुअर की खाद।
- किसान खाद की उपमा :- कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट (CAN)।
- भूमि में मूंगफली बनने की क्रिया को “पेजिंग’ कहते है।
- “गरीब का घी‘ की उपमा :- तिल को।
- रिले क्राॅपिंग :- एक वर्ष में एक ही खेत में चार फसलें बोना।
- राजस्थान में सर्वप्रथम कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना :- उदयपुर में।
- निजी क्षेत्र की पहली कृषि मण्डी :- कैथून (कोटा) में।
- राजस्थान में पहला कृषि रेडियो स्टेशन भीलवाड़ा में स्थापित किया गया।
- राजीव गाँधी कृषक साथी योजना :- 9 दिसम्बर, 2009 से।
- छाछिया, झुलसा व उकटा जीरा फसल के प्रमुख रोग है।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना :-29 जनवरी 1999
- राजस्थान की औसत शस्य गहनता :- 140-142%
- राज्य में कुल 249 जोन है जिसमें 209 डार्क जोन घोषित किए जा चुके हैं।
- पीसीकल्चर– मत्स्य पालन।
सेरीकल्चर – रेशम उत्पादन।
वर्मीकल्चर – केंचुआ उत्पादन।
पोमोलॉजी – फल उत्पादन।
हॉर्टीकल्चर – बागवानी उत्पादन।
- भारत में राजस्थान का बाजरा, सरसों, धनिया, जीरा, मेथी, ग्वार, मोठ फसलों के उत्पादन में प्रथम स्थान है।
- राजस्थान में सर्वाधिक बंजर भूमि :- जैसलमेर में।
- रेडग्राम तथा पीजन पी की उपमा अरहर फसल को दी जाती है।
- होहोबा (पीला सोना) के कृषि फार्म :- ढूंढ़ (जयपुर) व फतेहपुर (सीकर)
- केमल क्रॉप :-ज्वार।
- केन्द्रीय बेर अनुसंधान संस्थान :- बीकानेर।
केन्द्रीय खजूर अनुसंधान संस्थान :- बीकानेर।
केन्द्रीय ऊँट अनुसंधान संस्थान :- बीकानेर।
- किसान कलेवा योजना :- जनवरी 2014 में शुरूआत।
- महात्मा ज्योतिबा फूले मंडी श्रमिक कल्याण योजना :- 11 अप्रैल, 2015 को शुरूआत।
- राजस्थान कृषि प्रसंस्करण व कृषि प्रोत्साहन नीति :- 20 अक्टूबर, 2015
- राजस्थान किसान आयोग का गठन :- 26 नवम्बर, 2011 को। (अध्यक्ष + 8 सदस्य)
- हॉर्टीकल्चर हब :-झालावाड़ में।
- सर्वाधिक तेल अरण्डी के बीजों में पाया जाता है।
- बजेड़ा :- पान का खेत।
- राजस्थान में धनिया का सर्वाधिक उत्पादन :-झालावाड़ में।
- चावर :- खेतों में जुताई के बाद भूमि को समतल करने के लिए फेरा जाने वाला मोटा पाट।
- “हरी बाली’ रोग बाजरा फसल में होता है।
- राजस्थान में दमश्क गुलाब (चैती गुलाब) की खेती खेमनौर (हल्दीघाटी) में की जाती है।
- राजस्थान में सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक जिले :- कोटा-बारां।
- हारी-भावरी कृषि का रूप गरासिया जनजाति में प्रचलित है।
- राजस्थान में सर्वाधिक मसाले बारां जिले में उत्पादित होते हैं।
- जलेबी पेड़ में गैसीय विषपान करने की क्षमता सबसे अधिक होती है।
- राजस्थान में माल्टा का उत्पादन गंगानगर जिले में प्रमुखता में होता है।
- राजस्थान में मूंग व उड़द फसल भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए उगाई जाती है।
- “इसबगोल’ का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान के जालौर जिले में होता है।
- पीपीपी मोड पर फ्लोरीकल्चर पार्क अलवर में बनेगा।
- प्रदेश का पहला गर्ल्स एग्रीकल्चर कॉलेज :- बारां में।
- राजस्थान की सबसे बड़ी फल मंडी :- मुहाना मंडी (जयपुर)।
- एशिया का पहला ऑलिव ग्रीन टी संयंत्र :- बस्सी (जयपुर)।
- देश की प्रथम जैतून रिफाइनरी :- लुणकरणसर (बीकानेर)।
- अमरुद का सेंटर ऑफ एक्सीलेंेस टोंक जिले में बनाया जाएगा।
- मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना :-जून 2017 में शुरूआत।
- राजस्थान का पहला मेगो फेस्टिवल :- बाँसवाड़ा में।
- प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना :- 23 अगस्त 2017 को शुरू (खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा)।
- ऊन मंडी खजूर अनुसंधान केन्द्र :- बीकानेर। (1978 में स्थापित)।
- राजस्थान मसाला निर्यात प्रोत्साहन योजना :- 2015
- जैतून के तेल का ब्रांड :- “राज ऑलिव ब्रांड’
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन :- 2005-06। राज्य के 24 जिलों में क्रियान्वित। इस योजना में केन्द्र एवं राज्य का वित्त में हिस्सा = 60:40
- राज्य की पहली किसान कम्पनी बकानी (झालावाड़) में गठित की गई है।
- 1 फरवरी, 2019 से प्रारम्भ मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना में सहकारी संघों की दुग्ध समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले 5 लाख पशुपालकों को 2 रुपये प्रति लीटर का अनुदान दिया जायेगा।
- राजस्थान के कृषि मंत्री :- लालचंद कटारिया।
- राजस्थान के राजस्व मंत्री :- हरीश चौधरी।
- 19 फरवरी, 2015 को सूरतगढ़ (श्री गंगानगर) में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारम्भ किया गया।
- देश का पहला जैविक खेती अनुसंधान केन्द्र :-झालावाड़ में।