राज्य में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना -2015’ लागू की गयी है। इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित है :-
- प्रसूति सहायता :- महिला हम्माल एवं पल्लेदार को अधिकतम दो प्रसूतियों के लिए राज्य सरकार द्वारा अकुशल श्रमिक के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर अनुसार 45 दिवस की मजदूरी के समतुल्य सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है।
- पितृत्व अवकाश के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर अनुसार 15 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि का भुगतान किया जा रहा है।
- विवाह के लिए सहायता :-महिला हम्मालों की पुत्रियों के विवाह के लिए राशि रू 20,000 की सहायता राशि का प्रावधान है। यह सहायता अधिकतम दो पुत्रियों के लिए ही देय है।
- छात्रवृति/मेधावी छात्र पुरस्कार योजना :-ऐसे कर्मचारी जिसके पुत्र/पुत्री, जो 60 प्रतिशत एवं उससे अधिक अंक प्राप्त करता है, को इस योजना के अन्तर्गत छात्रवृति दी जा रही है।
- चिकित्सा सहायता :- हम्माल को गंभीर बीमारी (केन्सर, हार्ट अटैक, लीवर, किडनी, आदि) होने की दशा में सरकारी अस्पताल में भर्ती रहने पर चिकित्सा व्यय हेतु अधिकतम रु. 20,000 की राशि का प्रावधान है।
Kismat -: Knowledge Intregrated Skill Modules For Agriculture, Horticulture, Animal Husbandary Training.
कृषि विशिष्ट तथ्य :
- बाणियाँ–कपास को राजथान में ग्रामीण भाषा में बाणियाँ कहते हैं।
- कांगणी–कांगणी दक्षिणी राजस्थान के गरीब व आदिवासी बाहुल्य शुष्क क्षेत्रों की फसल है। कांगणी सूखे की स्थिति में पशुओं के लिए चारा प्रदान करती है।
- चैती (दमिश्क) गुलाब–खमनौर (राजसमंद) एवं नाथद्वारा में इसकी खेती होती है। यह सर्वश्रेष्ठ किस्म का गुलाब है। यह किंवदन्ती है कि मेवाड़ के महाराणा रतनसिंह के शासनकाल में इसे मुगलों से मँगाकर यहां लाया गया है।
- लीलोण–रेगिस्तानी क्षेत्रों (विशेषकर जैसलमेर) में पाई जाने वाली बहुपयोगी सेवण घास का स्थानीय नाम।
- घोड़ा जीरा–पश्चिमी राजस्थान (जालौर-बाड़मेर के क्षेत्र) में बहुतायत से उत्पादित ईसबगोल का स्थानीय नाम।
- पादप क्लीनिक–राज्य सरकार ने राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में मंडोर स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में राज्य के पहले पादप क्लीनिक को खोलने की मंजूरी दी है। राज्य में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत एक करोड़ रुपये की लागत से पाँच स्थानों पर पादप क्लीनिक खोलना प्रस्तावित है।
- राजस्थान में कृषि जलवायु जोनों की संख्या-10 है। इनमें तीन नये जोन जालोर, श्री गंगानगर, सीकर है।
- राजस्थान में ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्) द्वारा नौ कृषि विज्ञान केन्द्र खोले जाने प्रस्तावित है।
- राजस्थान में संविदा खेती पहले चरण में केवल पांच जिंसों (फल, फूल, सब्जी, Medicinal Plant एवं सुगन्धित पौधों) के लिए लागू की गई है।
- राजस्थान में फूल मंडी पुष्कर में है। जबकि पुष्प पार्क (फ्लोरिकल्चर कॉम्प्लेक्स) खुशखेड़ा, भिवाड़ी, अलवर में है।
- सोयाबीन – तिलहनी और दलहनी गुणों से युक्त फसल है।
- होहोबा (जोजोबा) – पीला सोना नाम से प्रसिद्ध, का वानस्पतिक नाम Simmondesia Chinensis है। उत्पत्ति स्थान सोनारन मरूस्थल, मैक्सिको। जबकि भारत में यह इजरायल के सहयोग से सबसे पहले काजरी द्वारा बोया गया। इसकी खेती को राजस्थान में बढ़ावा देने के लिए 1996-97 में एक प्रोजेक्ट एजोर्प (Association of the Rajasthan Zozoba Plantation & Research Project) द्वारा इजरायल की तकनीकी मदद से ढूंड (जयपुर) में 5.45 हैक्टेयर क्षेत्र एवं फतेहपुर (सीकर) 70 हैक्टेयर क्षेत्र में जोजोबा फार्म स्थापित किये गये हैं। तेल का क्वथंनाक व गलनांक अत्यधिक होता है।
- अफीम को काला सोना कहते हैं। इसका उत्पादन सर्वाधिक मध्यप्रदेश में होता है। राजस्थान में चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, कोटा, झालावाड़ में होता है।
- देश का 50% धनिया, 60% जीरा, 47% मेथी, 33% बाजरा, 29% जौ, 40% मोठ, 7% दलहन, 9% गेहूँ, 8.4% मक्का का उत्पादन राजस्थान में होता है।
- जैतून की पत्ती से चाय बनाने की फैक्ट्री बस्सी (जयपुर) में स्थापित की गई है।
- India Mix -: गेहूँ, मक्का व सोयाबीन के मिश्रण का आटा
रोचक तथ्य :
- राजस्थान में स्थानांतरित कृषि को “वालरा’ के नाम से जाना जाता है। राजस्थान में पहाड़ी क्षेत्रों में की जाने वाली स्थानांतरित कृषि को “चिमाता’ एवं मैदानी क्षेत्रों में की जाने वाली कृषि को “दजिया’ कहा जाता है।
- संशोधित मौसम आधारित फसल बीमा योजना की शुरूआत 20 जून, 2018 काे की गई।
- राजस्थान फसल ऋण माफी योजना 2018 की शुरूआत :- बाँसवाड़ा से।
- मिश्रित कृषि :- कृषि एवं पशुपालन का साथ-साथ होना।
- राजस्थान राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 49.53% क्षेत्र कृषि उपयोग में आता है।
- राजस्थान में 62 प्रतिशत कामगार जीवनयापन के लिए कृषि एवं संबंद्ध क्षेत्र पर निर्भर हैं।
- झालावाड़ में जैविक खेती के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेस की स्थापना।
- राज्य का प्रथम जैविक जिला :-डूंगरपुर। (प्रथम जैविक राज्य – सिक्किम)।
- प्रथम ग्राम (ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट) का आयोजन 9-11 नवम्बर, 2016 को सीतापुरा (जयपुर) में किया गया।
- भारत में कृषि गणना हर 5 वर्ष में कृषि एवं सहकारिता विभाग करता है।
- प्रथम कृषि गणना :- 1970-71 दसवीं कृषि गणना :- 2015-16
- राजस्थान में वानिकी के अन्तर्गत क्षेत्रफल :- 27.52 लाख हैक्टेयर (8.03%)